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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक दंतैल जंगली हाथी ने 60 साल के बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि यह घटना बुधवार रात पाली वन उप-क्षेत्र के अंतर्गत थड़पखान गांव में उस वक्त हुई, जब मृतक मेवाराम धनुहार अपने घर पर था।
कटघोरा वन प्रभाग के संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) कुमार निशांत ने बताया कि हाथी की मौजूदगी का आभास होने पर मेवाराम घर के पीछे अपने सब्जी के बगीचे में चला गया, लेकिन हाथी के भी वहीं पहुंचने से वह उसके सामने आ गया।
उन्होंने बताया कि हाथी ने मेवाराम को अपनी सूंड से पकड़ लिया और उसे कुचलकर मार डाला। साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले बुधवार को इसी दंतैल हाथी ने पास के मुड़ाभाटा गांव में एक बैल पर हमला कर उसे मार डाला था।
कुमार निशांत ने बताया कि शख्स की मौत की सूचना मिलते ही वन और पुलिस विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। अधिकारी ने बताया कि मृतक के परिजनों को 25,000 रुपए की तत्काल राहत राशि प्रदान की गई है, जबकि शेष 5.75 लाख रुपए का मुआवजा औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दिया जाएगा। दरअसल हाथी द्वारा मारे जाने पर राज्य सरकार की तरफ से 6 लाख रु का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है।
डीएफओ ने बताया कि वन कर्मियों की टीमें चोटिया रेंज की ओर बढ़ रहे हाथी की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में मानव-हाथी संघर्ष चिंता का प्रमुख कारण रहा है। पिछले कुछ वर्षों में यह समस्या राज्य के मध्य क्षेत्र के कुछ जिलों में भी फैल गई है। सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिलों में इस तरह के हमले की खबरें आ रही हैं।
वन विभाग के अनुसार पिछले पांच वर्षों में राज्य में हाथियों के हमले में करीब 310 लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले महीने कोरबा जिले में दो स्थानों पर हाथी ने तीन महिलाओं को मार डाला था।
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