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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भारत को विकसित देश बनाने के लिए एक फॉर्मूला दिया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत को विकसित देश बनना है तो ये करना चाहिए। ऐसा करके भारत 2047 तक विकसित देश बन सकता है। इसके लिए उन्होंने कई देशों का हवाला भी दिया। उन्होंने बताया कि तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान मैंने कई देशों के बारे में पढ़ा। इसके साथ ही भारत के सिस्टम को भी जाना। इस आधार पर उन्होंने क्या उपाय बताया आइए जानते हैं…
दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर भारत 2047 तक विकसित देश बनना चाहता है तो एक टीचर की सैलरी आईएएस अधिकारी से भी ज्यादा होनी चाहिए। शिक्षक दिवस के मौके पर दिल्ली नगर निगम द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मनीष सिसोदिया ने लोगों के सामने यह बात कही। सिसोदिया ने कहा कि आजकल 2047 के भारत की बहुत चर्चाएं हो रही हैं। आज यहां जो टीचर बैठे हुए हैं, आपके पास जो बच्चे हैं वो 2047 के भारत के लिए बहुत जरूरी हैं। लेकिन नीतियां बनाने वालों को भी इनके लिए कुछ करना होगा।
उन्होंने बताया कि विकसित देशों में एक टीचर की सैलरी नौकरशाहों से भी ज्यादा होती है। सिसोदिया ने जर्मनी, स्विटजरलैंड जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि पांच साल का तजुर्बा रखने वाला एक अध्यापक उतना ही तजर्बा रखने वाले नौकरशाह से अधिक सैलरी पाता है। उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ साल मैं अपने कठिन दिनों में था। तब मैंने शिक्षकों द्वारा सिखाई गई सीख को सीखा। सिसोदिया ने तिहाड़ जेल में बिताए दिनों के बारे में बताते हुए कहा कि मैं रोजाना 8-10 घंटे किताबों को पढ़ता था। इस दौरान मैंने भारत और दुनिया के तमाम देशों के एजुकेशन सिस्टम के बारे में पढ़ा। आपको बता दें कि सिसोदिया आवकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 17 महीनों से जेल में बंद थे। वह बीते महीने ही जेल से छूटे हैं।
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