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दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में जेल में बंद सह मालिकों की जमानत अर्जी पर सीबीआई से जवाब मांगा है। इसी कोचिंग में जुलाई में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। न्यायधीश दिनेश कुमार शर्मा ने सह मालिकों की जमानत अर्जी पर सीबीआई को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। सह-मालिकों में परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह हैं। न्यायाधीश ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी। साथ ही इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा कि यह कोई सामान्य केस नहीं होना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।
अदालत बोली, सीबीआई पुख्ता सबूत पेश करे
अदालत ने सीबीआई के वकील से तहखाने के सह मालिकों की इस घटना में जवाबदेही होने को लेकर पुख्ता सबूत पेश करने को कहा है। साथ ही इस हादसे में जान गंवाने वाले एक छात्र के पिता को जमानत अर्जी पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करने की अनुमती मांगी है। इन छात्रों के नाम उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरला के नेविन डेल्विन हैं। 27 जुलाई की शाम को ओल्ड राजेंद्र नगर की राव आईएएस स्टडी सर्किल के तलघर में भीषण बारिश के कारण पानी भरने से इन छात्रों की मौत हो गई थी।
गैर इरादतन हत्या का दर्ज हुआ मामला
यह केस भारतीय न्याय सहिंता की धारा 105 के तहत चल रहा है। इस केस को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दिया गया है। धारा 105 के अन्तर्गत गैर इरादतन हत्या का मामला आता है। इन चार सह मालिकों ने अर्जी लगाई है कि वे केवल इस तलघर के मालिक है, जिसे उन्होंने कोचिंग सेंटर को किराए पर उठाया हुआ था। इसलिए इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में उनका कोई भूमिका नहीं थी। सत्र अदालत ने इससे पहले इनकी बेल अर्जियां यह कहते हुए खारिज की थी कि सीबीआई इस मामले में जांच के शुरूआती चरण में है और अभी उनकी भूमिका को निश्चित किया जाना बाकी है।
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