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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की बैंच ने चंडीगढ़ प्रशासन से सख्त सवाल किए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि क्या सेक्टर-9 में बनाई गई 7 मंजिला सचिवालय इमारत के निर्माण पर चंडीगढ़ हेरिटेज कमेटी ने कोई आपत्ति जताई थ
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हाईकोर्ट विस्तार पर रोक, प्रशासन पर सवाल
हाईकोर्ट परिसर के विस्तार से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान, एक वकील ने कोर्ट के समक्ष यह तर्क रखा कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के विस्तार को यह कहकर रोक दिया कि वह क्षेत्र सुखना कैचमेंट एरिया में आता है और यह एक हेरिटेज संरचना है। दूसरी ओर, प्रशासन ने खुद के लिए सेक्टर-9 में नियमों की अनदेखी करते हुए 7 मंजिला सचिवालय भवन खड़ा कर दिया, जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं।
विस्तार के लिए 10 साल पुरानी योजना
हाईकोर्ट परिसर के विस्तार के लिए करीब एक दशक पहले बहुमंजिला इमारतों की योजना बनाई गई थी। चंडीगढ़ प्रशासन का तर्क है कि हाईकोर्ट परिसर के वर्तमान स्थल पर कोई और विस्तार संभव नहीं है, क्योंकि यह क्षेत्र सुखना जलग्रहण क्षेत्र और एक विरासत स्थल के अंतर्गत आता है।
यूनियन की याचिका पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी विनोद धत्तरवाल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने कहा कि यदि हेरिटेज कमेटी ने सचिवालय की 7 मंजिला इमारत को मंजूरी दी थी, तो इसकी रिपोर्ट रिकॉर्ड में दर्ज की जाए। साथ ही, प्रशासन से यह भी पूछा गया कि सेक्टर-1 से 30 तक के किसी भी हेरिटेज क्षेत्र में निर्माण की अधिकतम सीमा क्या है?
प्रशासन का तर्क
यूटी प्रशासन ने हाईकोर्ट के विस्तार के लिए सारंगपुर में 15 एकड़ जमीन आवंटित की है। इसके अलावा, एमएलए हॉस्टल के निकट 300 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी लगभग तैयार हो चुकी है, जिसे इसी माह सौंपे जाने की उम्मीद है।
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