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मध्यप्रदेश के 14 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से नवाजा जाना है। प्राइमरी – सेकंडरी कैटेगरी के 8 और हायर सेकंडरी के 6 टीचर इस अवॉर्ड के लिए सिलेक्ट हुए हैं। आज शिक्षक दिवस पर भोपाल में सभी का सम्मान होना था, लेकिन समारोह स्थगित कर दिया गया।
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इन टीचर्स ने गांवों के बच्चों को बेहतर और मॉडर्न एजुकेशन से जोड़ा है। उनमें क्रिएटिव और इनोवेटिव सोच पैदा की। लोगों से मदद लेकर स्कूलों में पंखे, बैंच-टेबल जैसी फैसिलिटीज प्रोवाइड कराईं। खंडवा की टीचर ने कोविड में स्कूल बंद होने पर बच्चों की पढ़ाई बंद नहीं होने दी। सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखकर गांव में चौपालें लगाकर पढ़ाया। सिवनी के टीचर तो जंगल के बीच इसलिए बस गए कि गांव के 20 घरों के बच्चे पढ़-लिख जाएं।
ये कहानी है उन 14 टीचर्स की, जो अवॉर्ड के लिए सिलेक्ट हुए हैं, इनमें क्या खूबियां और खासियत हैं, अवॉर्ड के लिए क्या 11 बातें जरूरी हैं; नीचे स्लाइड्स में जानिए…
पहले बात प्राथमिक/माध्यमिक के 8 टीचर की…
उच्चतर माध्यमिक कैटेगरी के 6 टीचर…
2023 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त 2 शिक्षकों का भी होना था सम्मान…
राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में इन 14 टीचर्स को तो सम्मानित होना ही था, एमपी की 2 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का भी सम्मान किया जाना था। ये टीचर हैं…
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान इन 11 पॉइंट्स के आधार पर दिया जाता है…
- लगातार 5 साल बोर्ड परीक्षा का 100% रिजल्ट
- 100% बच्चों के एडमिशन के लिए किए गए प्रयास
- स्कूल और क्लासों का बेहतर ढंग से चलाना
- राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए की गई एक्टिविटीज
- पढ़ाने के लिए किए गए इनोवेशन, फंक्शनल रिसर्च और इनके रिजल्ट
- शासन के आदेशों के अलावा बच्चों और समाज के लिए किए गए प्रयास
- टीचिंग और ट्रेनिंग में पार्टिशिपेशन
- स्टूडेंट्स की बेहत परफॉर्मेंस, प्रोग्रेस
- एजुकेशन/टीचिंग मेथड पर लिखे गए लेख, किताबें
- टीचिंग के लिए प्राप्त पुरस्कार
- छात्र-छात्राओं में संस्कार और सेंस ऑफ ड्यूटी (कर्तव्य बोध) के लिए किए गए काम
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