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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई खराब कोविड-19 वैक्सीन के कारण लोग अब भी मर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वैसे तो एक विशेष वैक्सीन को दुनियाभर में प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी भारत में उसकी आपूर्ति की जा रही थी और वह जनता को लगाई जा रही थी।
सोरेन की यह टिप्पणी हाल ही में राज्य में आबकारी कांस्टेबल भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण के दौरान 12 अभ्यर्थियों की हुई मौतों के बाद आई है। इन मौतों के बाद सोमवार को सरकार ने इस मौजूदा नौकरी अभियान को तीन दिनों के लिए रोक दिया है।
सोरेन ने कहा, ‘दुर्भाग्य से भर्ती अभियान के दौरान कुछ उम्मीदवारों की मौत हो गई। मौतें केवल दौड़ने से नहीं हो रही हैं, लोग चलते समय भी मर रहे हैं। यह सबको पता है कि भाजपा सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान इस देश के लोगों को लगाई गई वैक्सीन दोषपूर्ण थी और इसका वैश्विक प्रभाव पड़ा है।’
इससे पहले, प्रदेश भाजपा ने अभ्यर्थियों की मौत के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया था।
रांची में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में सोरेन ने ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना’ के तहत महिला लाभार्थियों के खातों में 1,000 रुपए की पहली किस्त भेजी। इस दौरान छह जिलों (रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा) में 7.04 लाख लाभार्थियों को कुल 70.50 करोड़ रुपए वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए उस पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा का नाम लिये बगैर उनपर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया।
सोरेन ने कहा, ‘2019 में हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भगवा पार्टी सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रही है। जब वे सफल नहीं हो सके, तो उन्होंने मुझे सलाखों के पीछे डालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया। लेकिन सच्चाई की जीत हुई और मैं आपके सामने हूं।’
असम के मुख्यमंत्री पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा, ‘असम के एक नेता ने सांप्रदायिक तनाव को भड़काने में अधिकतम डिग्री हासिल कर ली है। वह हिंदू-मुस्लिम बोलते हैं या सरकार तोड़ने में लगे रहते हैं।’
हिमंत पर आगे हमला बोलते हुए सोरेन नेकहा, ‘वह (सरमा) बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपने राज्य की सीमाओं के माध्यम से प्रवेश करने की अनुमति देते हैं, लेकिन घुसपैठ के लिए हमें दोषी ठहराते हैं। वह स्वीकार करते हैं कि बांग्लादेशी असम से प्रवेश करते हैं और पूरे देश में फैल जाते हैं। यदि प्रवेश द्वार आपके राज्य में है, तो आप इसे बंद क्यों नहीं करते?’
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