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भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक के डायरेक्टर धीरज शर्मा को मिले वेरिएबल पे को लेकर बवाल मच गया है। शिक्षा मंत्रालय ने आईआईएम रोहतक को पत्र लिखकर संस्थान के डायरेक्टर धीरज शर्मा को 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए दिए गए 3.2 करोड़ रुपये के वेरिएबल पे पर आपत्ति जताई है। मंत्रालय ने वेरिएबल पे की गणना विधि और अन्य विवरणों की संस्थान से जानकारी मांगी है। उल्लेखनीय है कि यह मामला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्राप्त शिकायतों के आधार पर मंत्रालय को भेजा गया था और जनवरी 2024 में मंत्रालय ने इन शिकायतों की जांच के लिए अपने आंतरिक ऑडिट विंग (आईएडब्लू) को नियुक्त किया था। इन शिकायतों में वेरिएबल पे, फैकल्टी को मोबाइल फोन की अनियमित आपूर्ति और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप शामिल थे। ऑडिट विंग ने पाया कि वेरिएबल पे की प्रक्रिया अवैध है और भुगतान की गई राशि शर्मा की निश्चित वेतन से काफी अधिक है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑडिट विंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वेरिएबल पे किसी व्यक्ति के कुल वेतन का प्रतिशत होना चाहिए न कि वेतन के 100% या 200% से अधिक। इस मामले में वेरिएबल पे डायरेक्टर के कुल वेतन से 200% से भी अधिक है। विशेष रूप से वेरिएबल पे की गणना प्रक्रिया पर जानकारी के लिए मंत्रालय ने दो बार संस्थान से जवाब मांगा है। इसके अलावा आईआईएम रोहतक को उन अधिकारियों की पहचान करने और कार्रवाई करने के लिए कहा गया है जो इस निर्णय में शामिल थे। मंत्रालय ने संस्थान से वेरिएबल पे की सीमा को सीमित करने के साथ-साथ अतिरिक्त भुगतान की वसूली की योजना को स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। उल्लेखनीय है कि आईआईएम निदेशकों को निश्चित वेतन के साथ वेरिएबल पे भी मिलता है जो उनके प्रदर्शन पर आधारित होता है। आईआईएम एक्ट के तहत संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को यह निर्णय लेने का अधिकार होता है।
मंत्रालय का पहला पत्र अप्रैल में भेजा गया था और संस्थान ने जवाब में कहा कि वेरिएबल पे की मंजूरी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा दी गई थी और इसमें कोई उल्लंघन नहीं है। हालांकि, मंत्रालय ने पिछले महीने फिर से ऑडिट विंग की रिपोर्ट के संबंध में विशेष उत्तर मांगे हैं। इस मामले के बारे में जब आईआईएम रोहतक से जवाब मांगा गया तो इंडियन एक्सप्रेस को भेजे ईमेल में आईआईएम रोहतक ने कहा कि वेरिएबल पे का भुगतान आईआईएम एक्ट के अनुसार और संस्थान के नियमों के अनुसार किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सीएजी ने मामले की जांच की है और कोई अनियमितता नहीं पाई गई है।
उल्लेखनीय है कि 2017 में आईआईएम रोहतक के डायरेक्टर पर अपनी शैक्षणिक योग्यता को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के आरोप में सरकारी जांच चल रही है। मंत्रालय के प्रतिनिधि की आपत्तियों के बावजूद, संस्थान के बोर्ड ने फरवरी 2022 में उनके दूसरे कार्यकाल के लिए उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी थी। वहीं ऑडिट विंग ने वेरिएबल पे के भुगतान की प्रक्रिया पर तीन प्रमुख आपत्तियां उठाईं हैं। पहला वेरिएबल पे की मंजूरी संस्थान के नियमों के अधिसूचित होने से पहले दी गई थी। दूसरा वित्तीय स्वास्थ्य को प्रदर्शन मानदंडों में शामिल किया गया लेकिन इसे गलत तरीके से बढ़ाया गया। तीसरा वेरिएबल पे 200% से अधिक था जबकि शर्मा पहले ही अपनी शैक्षणिक योग्यताओं को लेकर सरकार की जांच के दायरे में हैं।
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