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श्रीगंगानगर के गांव चार जेजे के गवर्नमेंट सीनियर सैकंडरी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल बलजिंद्रसिंह बराड़।
श्रीगंगानगर जिले के गांव चार जेजे के गवर्नमेंट सीनियर सैकंडरी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल बलजिंद्रसिंह को नेशनल टीचर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। बलजिंद्र गांव चार जेजे में कार्यरत है जबकि बलजिंद्र के अलावा बीकानेर जिले के हुकुमचंद चौधरी का भी इस अव
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32 एमएम का गमला बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने के दौरान बलजिंद्रसिंह।
यूनाइटेड नेशन्स के लिए किया काम
बलजिंद्र ने वर्ष 2015 से यूनेस्को के प्रोजेक्ट यूएनसीसीडी के कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया है। यूनाइटेड नेशन्स के इस प्रोजेक्ट में लंबे समय तक काम करने के कारण उनकी ख्याति काफी फैली। शिक्षा में रोचक शिक्षण कार्य के साथ सीसीआरटी स्काउट गाइड सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सहशैक्षणिक कार्य भी बलविंद्रसिंह ने किए।
श्रीगंगानगर जिले में अपने स्कूल में पौधरोपण करते बलजिंद्रसिंह।
शिक्षा और भाषा के विकास के लिए किया काम
बलजिंद्र ने स्टूडेंट्स के लिए निशुल्क स्टेशनरी, खिलौना बैंक बनवाने जैसे काम किए। इसके साथ ही पंजाबी भाषा विकास के लिए निशुल्क पुस्तकें मैगजीन उपलब्ध करवाए। आर्थिक रूप से पिछड़े स्टूडेंट्स को कंपटिशन एग्जाम की पुस्तकें फ्री में उपलब्ध करवाई। उनके कोचिंग की व्यवस्था की और पर्यावरण पाठशाला की गतिविधियों के माध्यम से पीएम पोषण योजना में योगदान दिया।
ये मिल चुके हैं अवार्ड
बलजिंद्र सिंह को पूर्व में एशियन एजुकेशन अवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, जयपुर रत्न अवार्ड, नेशनल यूथ आइकन अवार्ड, राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न पुरस्कार, मीडिया का शिक्षक गुरु सम्मान, राजस्थान सरकार से राज्य स्तरीय पुरस्कार मिला। उन्होंने 32 एमएम का गमला बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया। इसके अलावा बलजिंद्र जिला व ब्लॉक प्रशासन से भी सम्मानित हो चुके है।
श्रीगंगानगर जिले के गांव चार जेजे में स्टूडेंट्स के साथ बलजिंद्र सिंह।
ऑनलाइन सेमिनार में हुए शामिल
बलजिंद्रसिंह यूनेस्को के शिक्षा उत्थान के सेमिनार में ऑनलाइन फिनलैंड देश के साथ भारतीय शिक्षा व्यवस्था को प्रस्तुत कर चुके हैं। साथ ही विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थाओं से भी पूर्व में सम्मानित हैं। अब उन्हें गुरुवार को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
पिता हैं पूर्व सरपंच
शिक्षक बलजिंद्र सिंह के पिता ठाकर सिंह अनूपगढ़ जिले के गांव दस टीके के सरपंच रह चुके हैं। समाजसेवी हैं और खेती किसानी से जुड़े हैं। बलजिंद्र की मां गुरनाथ कौर महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर हैं। बलजिंद्र के 2 और भाई हैं। दोनों टीचर हैं और उनकी पत्नियां भी शिक्षक हैं।
32 एमएम का गमला बनाकर आए थे चर्चा में
शिक्षक बलजिंद्र सिंह पूर्व लेक्चरर रहते हुए उन्होंने महज 32 एमएम आकार का गमला बनाया। इसमें तुलसी का पौधा भी लगाया था। इसके बाद वे लबे समय तक चर्चा में रहे थे।
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