[ad_1]
Germany News: जर्मनी में 1945 यानी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार था कि किसी छोटी राजनीतिक पार्टी ने राज्य चुनाव जीते हों. थुरिंगिया में कट्टर दक्षिणपंथी नेताओं में से एक ब्योर्न होके की अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी यानी AfD ने ये चुनाव जीता. दो राज्यों में हुए इन चुनावों में दूसरे राज्य में भी एएफडी मामूली अंतर से पिछड़ी. जाहिर है जर्मनी में इन दो जगहों पर ओलाफ स्कोल्ज के गठबंधन में तीन पार्टियों में से किसी को नहीं बख्शा. इस गठबंधन ने कुल 15 प्रतिशत से भी कम वोट हासिल किए.
यूक्रेन के साथ खड़ा रहा है जर्मनी, तो क्या इसीलिए…?
जर्मनी सरकार ने यूक्रेन रूस युद्ध में यूक्रेन के लोगों को पर्याप्त वित्तीय सहायता दी है. वह अब तक 33.9 बिलियन यूरो से अधिक की रकम दे चुका है. साथ ही वह यूक्रेन के पक्ष में मजबूती से खड़ा दिखता है. एएफडी की जीत का जर्मनी की राजनीतिक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है. खासकर पूर्वी इलाके में जहां पार्टी का समर्थन सबसे अधिक मजबूत है.
पुतिन को गिरफ्तारी वारंट की नहीं कोई परवाह! शान से पहुंचे मंगोलिया, देखता रह गया ICC, भड़का यूक्रेन
ब्योर्न होके बोले- मुझ पर कलंक लगाना बंद करें….
एएफडी लंबे समय से जर्मन राजनीति में एक विवादास्पद ताकत रही है, जिसकी थुरिंगिया और सैक्सोनी में घरेलू खुफिया एजेंसी द्वारा बाकायदा कड़क निगरानी की जाती है. थुरिंगिया में पार्टी के नेता ब्योर्न होके को राजनीतिक कार्यक्रमों में जानबूझकर नाजी नारे लगाने का दोषी तक ठहराया जा चुका है. उन्होंने इस जीत पर गर्व के साथ कहा, कृपया मुझ पर कलंक लगाना बंद करें. हम थुरिंगिया में नंबर 1 पार्टी हैं. आप थुरिंगिया के एक तिहाई मतदाताओं को दक्षिणपंथी चरमपंथी के रूप में क्लासीफाइ तो नहीं करना चाहते.
‘इतनी लाशें देख लीं अब नहीं लगता मौत से डर’ PAK का सिरदर्द बनीं डॉक्टर महरंग
जर्मनी के भीतर के हालात, तेजी से बढ़ती महंगाई और इकॉनमी का फॉल होते जाने ऐसे कारक थे कि लोगों में ओलाफ को लेकर खासा रोष था. 22 सितंबर को एक और राज्य में इलेक्शन होना है. जर्मनी में अगला चुनाव करीब साल भर बाद होना है. (इंडिया टुडे समेत विभिन्न एजेंसियों से इनपुट)
Tags: Russia ukraine war, Ukraine News, World news
FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 13:13 IST
[ad_2]
Source link