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ब्यूटी पेजेंट मिसेज राजस्थान का ताज जयपुर की बहू सलोनी वर्मा के सिर पर सज चुका है। हरियाणा की बेटी से जयपुर की बहू बनने के बाद सलोनी ने यह टाइटल जीता है। दैनिक भास्कर से बातचीत में सलोनी ने बताया- यह बिल्कुल आसान नहीं रहा है। जब ग्रूमिंग सेशन के पहले
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सलोनी ने बताया- मैं एक आईटी फर्म में काम करती हूं, ऐसे में जॉब को साथ रखकर इस पेजेंट को जीता है। दोनों चीजों को मैनेज करना आसान नहीं था। पूरे दिन थकान भरे सेशन होते थे। रात को मैं अपनी कंपनी के काम को पूरा करती थी। अब आगे भी इसी तरह अपने काम और अपने ड्रीम को पूरा करने के लिए दोनों को मैनेज करती रहूंगी।
सलोनी एक आईटी फर्म में काम करती हैं। इसके साथ उन्होंने ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया।
सवाल: किस तरह फैशन इंडस्ट्री से जुड़ीं, इस फील्ड में कैसे आए, उसके बारे में आप बताएं?
सलोनी वर्मा: बचपन से ही स्टेज शो और फैशन से जुड़े इवेंट देखकर अच्छा लगता था। सोचती थी कि कभी इस लाइन में जा सकूं। मिडिल क्लास परिवार से होने के कारण, हमेशा पहले यही सोचा कि करियर बना लिया जाए। अच्छे से सैटल होने के बाद इस दिशा के बारे में सोचा जा सकता है। कोई मौका आया तो उसे नजरअंदाज कर दिया। डांसर हूं, इसलिए डांस शो जरूर किए हैं। फैशन इंडस्ट्री के बारे में नहीं सोचा।
मैं एक जॉब करती हूं। अपना एक बिजनेस भी शुरू किया। मुझे मॉडलिंग का मौका शादी के बाद मिला। जयपुर में मेरा ससुराल है। मुझे पता लगा कि यहां मिसेज राजस्थान के रूप में एक बड़ा आयोजन होता है। वह भी बड़े अच्छे लेवल पर। एक बार मन में सोचा कि यह तो मैं भी कर सकती हूं। फिर सोचा कि कौन अपने जॉब से ब्रेक लेगा? बिजनेस से दूर होगा? फिर फैमिली मेंबर और फ्रेंड्स ने पुश किया कि तुम यह कर सकती हो। अपने सपने को पूरा कर सकती हो। उसे पूरा करना चाहिए। इसके लिए आगे आना चाहिए।
इसलिए मैंने सोचा कि एक कोशिश करते हैं। 5 दिन की ग्रूमिंग सेशन हुए। पहले दिन बड़ा मुश्किल लगा। जितना टीवी पर आसान दिखता है, उतना आसान बिल्कुल नहीं है। जॉब से ब्रेक लिया, बिजनेस को पीछे रखा।
पहले दिन मुश्किल लगा, दूसरे दिन भी मुश्किल लगा, लेकिन हर दिन मैंने यही सोचा कि पिछले दिन से बेहतर करना है। जो एक्सपर्ट मिले, उनसे बातचीत की कि कैसे खुद को बेहतर करना है। 5 दिन अपनी जान लगा दी। उसके साथ अपने जॉब को भी मेंटेन करती रही। आखिर में सफलता हाथ लगी।
सवाल: ब्यूटी प्रेजेंट के पहले दिन का एक्सपीरिएंस बताएं, कितना सीखने को मिला?
सलोनी वर्मा: पहले दिन जब मैं पहुंची तो कई एक्सपर्ट थे। उनमें हमारे एक्सपर्ट शाहरुख खान सर थे। उन्होंने पहले दिन सभी का बेसिक चेक किया कि किस तरह वॉक करते हैं। मैंने वॉक करके दिखाया तो वह बिल्कुल नॉर्मल था। क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह मेरी पहली रैंप वॉक थी। वॉक अच्छे से नहीं हो पाई। ऐसे में सर ने कहा- यह कैसे चल रहे हो? ठीक करो, सीधा चलो, ऐसे मत करो। उन्होंने बहुत अच्छे-अच्छे पॉइंटर दिए। यह डांट जरूर थी, लेकिन बहुत खास थी। हम पूरे 5 दिन ग्रूम हुए तो हमारे मेंटोर की वजह से ही हो पाए हैं। उन्होंने हमारी एक-एक चीज को ठीक किया। पहले दिन तो मुश्किल था, लेकिन धीरे-धीरे वह ठीक होता गया।
मिसेज राजस्थान के आयोजक योगेश मिश्रा और निमिषा मिश्रा ने सलोनी को ताज पहनाया।
सवाल: अपनी जॉब के बारे में बताएं और किस तरह का आप बिजनेस करते हैं, उसके बारे में आप बताएं?
सलोनी वर्मा: मैं एक डाटा साइंस आईटी फर्म में बतौर कंसलटेंट काम कर रही हूं। उसमें शनिवार और रविवार तो ब्रेक रहता है, लेकिन मैंने अपने काम को मैनेज करते हुए इस पेजेंट में हिस्सा लिया। पेजेंट के दौरान 6 बजे तक बिजी होने के बाद में आईटी फॉर्म के लिए काम करती थी। जो भी काम होता था, उसे रात को करती थी। ताकि मैं अपनी जॉब को भी कंटिन्यू करती रहूं।
मॉडलिंग मेरा ड्रीम था। इसलिए इसे भी नहीं छोड़ सकती थी। 6 बजे तक ड्रीम और उसके बाद अपने प्रोफेशन की लाइफ को जीती थी। दोनों को मैंने बराबर ही तवज्जो दी है। मेरे बिजनेस की बात की जाए तो मैंने अपना एक ज्वेलरी ब्रांड शुरू किया है। जो आर्टिफिशियल ज्वेलरी का है। उसे मैंने बैक सीट पर रख दिया, क्योंकि उसे भी प्रॉपर समय की जरूरत होती है। इसे मैं बाद में भी दे सकती हूं। उसे फैमिली मेंबर्स ने हैंडल किया, जो मेरे लिए बड़ा सपोर्ट था।
पांच दिन की ग्रूमिंग सेशन में सलोनी को रैम्पवॉक से लेकर कई तरह की ट्रेनिंग मिली।
सवाल: आपने शादी के बाद अपने सपने को चुना और उसे पूरा करने का ठाना, बहुत सी महिलाएं या पुरुष एक समय के बाद अपने सपने को भूल जाते हैं, तो यह आपने कैसे किया उसके बारे में बताएं?
सलोनी वर्मा: हां यह जरूर है की शादी के बाद इस तरह के कार्य बड़ी मुश्किल से होते हैं। मैं तो यह कहूंगी कि यदि आपने एक जॉब शुरू कर दी तो इस तरह के प्रोफेशन आपके लिए कभी आसान नहीं रहते हैं, क्योंकि आपका प्रोफेशन बहुत डिमांडिंग हो जाता है। वह आपसे टाइम भी मांगता है। मेहनत भी मांगता है। मेरे लिए टाइम मैनेजमेंट बिल्कुल भी आसान नहीं था। मैं यही कहूंगी कि हम ही हैं, जो इन चीजों के लिए खुद को रोकते हैं। हम कैसे जॉब छोड़ेंगे या कैसे फैमिली से दूर होंगे। एक बार तो कोशिश करनी ही पड़ेगी। वक्त ज्यादा देना पड़ेगा। थकान भी होगी, लेकिन स्टार्ट तो करना ही पड़ेगा। घर बैठकर किसी भी चीज की शुरुआत नहीं हो पाएगी।हम डर की वजह से बैठ जाते हैं, हमें डर को पीछे छोड़ना पड़ेगा।
पहला स्टेप लेंगे तो काम भी चल जाएगा। लोग आपको सपोर्ट भी करेंगे, लेकिन आपको खुद ही एक स्टैंड लेना पड़ेगा।
सलोनी के इस टाइटल को जीतने में फैमिली और पति का पूरा सपोर्ट रहा है।
सवाल: आपको एक बड़ा टाइटल मिल चुका है तो आगे की प्लानिंग किस तरह रहेगी?
सलोनी वर्मा: अपने काम को भी मैनेज करना है। मॉडलिंग इंडस्ट्री को भी बरकरार रखना है। इसे आगे भी ऐसे ही मेंटेन करती रहूंगी। अब टाइटल होल्डर होते हुए लोगों के पास जाकर अपने एक्सपीरिएंस शेयर करना है, क्योंकि लोग आपकी सुनेंगे। अब मुझे जो भी स्टेज मिलने वाला है या प्लेटफार्म मिलने वाला है, वहां मैं लोगों को इंस्पायर करने वाली हूं। महिला हो या पुरुष, सबको यही बोलूंगी कि यदि आप अपने सपने को छोड़ चुके हैं या भूल चुके हैं। उसे आप पूरा करें। क्योंकि यही जिंदगी है, काम जीने के लिए करते हैं। पूरा जीवन काम को देते हैं। यह भी सही नहीं है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे आना होगा। अपने आप को नहीं भूलना होगा। शादीशुदा महिला के लिए फैमिली एक अहम स्थान रखती हैं।
सवाल: आपको किस तरह का सपोर्ट मिला और आप हरियाणा से रही हैं। वहां तो गर्ल्स पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। आपके लिए किसी तरह की कोई बंदिश रही है?
सलोनी वर्मा: मेरे घरवाले तो बचपन से ही मेरे चीयर लीडर रहे हैं। मैं उनके लिए बेस्ट रही हूं। उन्होंने हमेशा कहा है कि जो तुम्हें ठीक लगे वही करो। शादी हुई तो मेरे इनलॉज भी इसी तरह के मिले। जब मैंने ब्यूटी पेजेंट के बारे में बताया तो उनका रिएक्शन गजब का था। उनके लिए तो मैं उस वक्त ही विनर थी।
उन्होंने कहा कि तुम ही विनर हो, हमें पता है कि इसे तुम ही जीतोगी। यह सुनना ही मेरे लिए काफी था। मेरे पति मेरे सबसे बड़े सपोर्टर रहे हैं, उन्होंने मेरी हमेशा मदद की है। हर परिस्थितियों में उन्होंने मेरा साथ दिया है। सपोर्ट से चीज मेरे लिए आसान होती गई, बहुत सी महिलाएं सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से आगे नहीं बढ़ पाती। मैं उनके लिए यही कहूंगी कि आपको आगे आना होगा, बाहर निकलना होगा। मुश्किल जरूर होगी, लेकिन वह नामुमकिन नहीं हो पाएगी। सभी को अपने सपनों को इसलिए नहीं रोकना चाहिए कि उन्हें सपोर्ट नहीं मिला।
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