[ad_1]
गिरिडीह में सड़क बनने के साथ टूटने और धंसने की खबर अक्सर आते रही है। लेकिन संबंधित विभाग इसपर कोई एक्शन नहीं लेता है। जिसका नतीजा है कि सड़क निर्माण के दौरान नियमों को ताक पर रखकर खूब धांधली बरती जाती है। इसका एक वाक्या गावां प्रखंड के बादीडीह और माल्ड
.
बता दें कि बंगलासोत नदी से आरागारो और भागलपुर गांव जोड़ने वाली 310 मीटर लंबा पुल और एप्रोच पथ का निर्माण ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 9 करोड़ रुपये की लागत से पिछले जनवरी माह में कराया गया था। पुल और एप्रोच पथ निर्माण कार्य का जिम्मा बरकट्ठा निवासी संवेदक मेसर्स रामचंद्र यादव को दिया गया था। 8 माह पूर्व एप्रोच पथ का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। लेकिन पहली बरसात में ही एप्रोच पथ का कई हिस्सा दोनों साइड टूटकर बह गया।
भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश, नहीं लगा है बोर्ड
बारिश के बाद एप्रोच पथ का कई हिस्सा टूटकर बह जाने की जानकारी मिलने के बाद पिछले माह संदेवक द्वारा जिन जगहों पर सड़कें टूटी थी वहां मिट्टी डालकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है, लेकिन ग्रामीणों का विरोध के बाद संवेदक के मनसूबे पर पानी फेर गया। बता दें कि पुल और एप्रोच पथ निर्माण कार्य पूरा होने के 8 माह बीत जाने के बाद भी अभीतक संवेदक द्वारा निर्माण स्थल पर एस्टीमेट बोर्ड नहीं लगाया गया है। बोर्ड नहीं होने के कारण प्राक्कलित राशि और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी अब सवाल उठने लगा है। ग्रामीणों ने बताया कि एप्रोच पथ के दोनों साइड आधा अधूरा ही गार्डवाल देकर छोड़ दिया गया है।
जेई ने कहा, जांच कर सड़क की कराई जाएगी मरम्मती
इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के जेई भोला राम ने कहा कि स्थल पर जांच कर एप्रोच पथ की मरम्मती कराई जाएगी। तेज बारिश के कारण सड़क के दोनों साइड टूट गई होगी। बरसात खत्म होते ही मरम्मती का काम शुरू कर दिया जायेगा।
[ad_2]
Source link