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दिल्ली के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने 62 वर्षीय मरीज के मस्तिष्क के ट्यूमर को उसकी नाक के रास्ते निकाल दिया। इससे उसे पहले की तरह दिखाई देने लगा। बताया जाता है कि मरीज की दोनों आंखों की रोशनी काफी हद तक चली गई थी। न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार मोनिक गर्ग ने कहा कि मरीज को पिट्यूटरी एडेनोमा की बीमारी के साथ नांगलोई स्थित उजाला सिग्नस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ‘पिट्यूटरी एडेनोमा’ एक प्रकार का ट्यूमर है जो मस्तिष्क के आधार पर स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलता है।
ट्यूमर के कारण चली गई थी मरीज की रोशनी
डॉक्टर ने बताया कि इस ट्यूमर के कारण बुजुर्ग की दोनों आंखों की रोशनी काफी हद तक चली गई थी। मरीज केवल दो मीटर की दूरी तक ही उंगलियां गिन सकते थे। अस्पताल में 11 जुलाई को तीन घंटे सर्जरी तक चली। डॉक्टरों ने ट्यूमर को लगभग पूरी तरह से अलग कर दिया। यही नहीं मरीज को 16 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
आंख की रोशनी जाने का खतरा
डॉ. मोनिक गर्ग ने बताया कि ‘पिट्यूटरी एडेनोमा’ ऑप्टिक तंत्रिकाओं (दृष्टि संचार से जुड़ी नसों) पर दबाव डाल सकता है। इससे आंख की रोशनी को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। डॉक्टर का कहना है कि सर्जरी के बाद मरीज को काफी राहत मिली है। अब वह छह मीटर की दूरी पर उंगुलियों को गिन सकता है।
हार्मोन संबंधी असंतुलन, सिरदर्द और दृष्टि समस्याएं शामिल
अस्पताल में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार पुनीत कांत ने कहा कि पिट्यूटरी एडेनोमा सामान्य है। यह सभी प्रकार के मस्तिष्क ट्यूमर के लगभग 10 से 15 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार है। ये ट्यूमर अपने आकार और स्थान के आधार पर विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन समस्याओं में हार्मोन संबंधी असंतुलन, सिरदर्द और रोशनी से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।
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