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ओस्लो. 2019 में पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने वाली ह्वाल्दिमीर नामक बेलुगा व्हेल नॉर्वे में मरी पाई गई. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी कि 14 फुट लंबी और 2,700 पाउंड वजनी व्हेल को पांच साल पहले कैमरे लगाने के लिए डिजाइन किए गए उपकरणों के साथ देखा गया था. जिसके बाद इंटरनेट पर उसे ह्वाल्दिमीर जासूस व्हेल का उपनाम दिया गया. इन उपकरणों पर सेंट पीटर्सबर्ग का निशान लगा हुआ था. जिससे व्यापक अटकलें लगाई जाने लगीं कि यह व्हेल रूसी टोही मिशन का हिस्सा थी.
इसे लेकर रहस्य और गहरा गया क्योंकि रूस ने इसके बारे में कोई आधिकारिक दावा नहीं किया. जिससे दुनिया को अचरज हुआ कि क्या यह व्हेल जासूस या किसी अजीब परिस्थिति में फंसी दुर्भाग्यपूर्ण व्हेल थी. यह बेलुगा व्हेल जल्दी ही वैश्विक आकर्षण का विषय बन गई. अन्य बेलुगा व्हेल आमतौर पर सुदूर और ठंडे आर्कटिक जल में रहते हैं. उनके विपरीत ह्वाल्दिमीर व्हेल मनुष्यों के साथ असामान्य रूप से सहज दिखाई दी. जिससे एक्सपर्ट्स ये मानते थे कि वह अपने जीवन के अधिकांश समय कैद में रही.
पिछले साल नॉर्वे ने अपने नागरिकों से अनुरोध किया था कि वे ह्वाल्दिमीर व्हेल के साथ किसी भी तरह के संपर्क से बचें, जिसे ओस्लो के नजदीक एक तट में देखा गया था. नॉर्वे के मत्स्य निदेशालय के एक बयान में कहा गया था कि ह्वाल्दिमीर के नाम से जानी जाने वाली सफेद व्हेल अब आंतरिक ओस्लो फजॉर्ड में रहती है. इसका मतलब है कि यह बहुत घनी आबादी वाले इलाके में आ गई है. इस तरह मानव संपर्क के कारण व्हेल के घायल होने का जोखिम काफी अधिक हो गया है.
FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 11:14 IST
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