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झारखंड के बोरियो विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित पूर्व झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। राजधानी रांची के भाजपा के प्रदेश कार्यालय में हेम्ब्रम ने भाजपा की सदस्यता ली। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने लोबिन हेम्ब्रम का स्वागत किया।
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने लोबिन हेंब्रम को माला पहनाकर और अंगवस्त्र देकर भाजपा में शामिल करवाया। इस अवसर पर चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी मौजूद थे। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भी उन्हें भाजपा का पट्टा पहनाया। लोबिन हेम्ब्रम ने 5 बार विधायक रह चुके हैं।
बोरियो के पूर्व झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने पार्टी में रहते हुए विगत लोकसभा चुनाव में दल के प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़े थे। इसके बाद उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था और कुछ दिन बाद विधानसभा से उनकी विधायिकी भी समाप्त कर दी गई थी।
भाजपा में शामिल होने के बाद लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि बचपन से अभी तक हमने जेएमएम में रहकर उसे सजाने संवारने का काम किया। ईमानदारी और वफादारी के साथ पार्टी को आगे बढ़ाया। इसके सुप्रीमो शिबू सोरेन ने हमें उंगली पकड़कर सिखाया था। उन्होंने कहा था कि जहां गलत हो विरोध करना है। आज हमारे साथ चंपाई बाबू है। झारखंड आदिवासी, मूलवासी के विकास के लिए बना। सरकार बनी, लेकिन शिबू सोरेन की जो स्थिति है आप सभी जानते हैं।
हमने हेमंत सोरेन पर विश्वास किया। उनके एजेंडे पर पूरे झारखंड ने विश्वास किया। लेकिन शिबू सोरेन का जेएमएम आज नहीं है। तीर धनुष में वो दम अब नहीं है। गुरुजी हर तबके को प्रेरणा देते थे। शराब से दूर रहने को बोलते थे। लेकिन हेमंत सोरेन छत्तीसगढ़ वाले नीति को लाए, हमने तब सदन में विरोध किया। कहा था कि गुरुजी विरोध करते थे शराब, आप शराब बेचते हैं। गुरुजी को पता चला तो उन्होंने मेरा समर्थन किया। साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा का डेमोग्राफी बदल रहा। हमलोग के आवाज उठाने के बाद भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। सिर्फ आदिवासी को वोट बैंक बना कर रखा।
बांग्लादेशी घुसपैठी जमीन कब्जा रहा। विरोध करने पर मारपीट होता है। गायबथन मामले में एफआईआर तक नहीं हुआ। बांग्लादेश से घुसपैठिए आकर आदिवासी लड़की से शादी कर रहे। जमीन हथिया रहे। मुखिया, जिला परिषद अध्यक्ष, प्रमुख भी बन रहे। आने वाले दिन में आदिवासी मूलवासी खत्म हो जाएगा। इसलिए सोचा कि जेएमएम से झारखंड बचने वाला नहीं है। पीएम और गृह मंत्री पर विश्वास जताते हुए भाजपा से जुड़ने का निर्णय लिया।
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