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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : एएनआई
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अलीगढ़ महानगर के बन्नादेवी क्षेत्र के न्यू राजेंद्र नगर में पत्नी को कमरे में बंद कर जलाकर मारने के मामले में अदालत ने पति को दोषी करार देते हुए उमक्रैद की सजा सुनाई है। मृतका के बेटों व अन्य गवाहों के मुकरने के बाद एडीजे-3 राकेश वशिष्ठ के न्यायालय ने मृत्यु से पूर्व दिए गए महिला के बयान के आधार पर फैसला सुनाया है।
वादी मुकदमा वंश सारस्वत की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया गया कि 11 जनवरी 2014 को उसके पिता ओमप्रकाश उर्फ ओमा ने मां राजकुमारी से शराब के लिए रुपये मांगे। रुपये नहीं देने पर झगड़ा हुआ। इस पर पिता ने मां के साथ छोटे भाई नागेश (15) व गगन (11) को घर के अंदर वाले कमरे में बंद कर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। शोर सुनकर पहुंचे पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़कर तीनों को निकाला और अस्पताल भेजा। 23 जनवरी को इलाज के दौरान मां राजकुमार की मौत हो गई।
न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान बड़े बेटे, कमरे में मां के साथ आग से झुलसे दोनों छोटे बेटों व उन्हें कमरे से बचाने वाले तीन अन्य पड़ोसियों की गवाही कराई गई। जिरह के दौरान सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए। इन्होंने यह साबित करने का प्रयास किया कि महिला स्टोव पर खाना बनाते समय साड़ी में आग लगने से जली थी। ओमप्रकाश घटना के समय घर पर मौजूद नहीं था। उसके बाद तत्कालीन एसीएम डीपी सिंह व जिला अस्पताल में मौजूद डॉक्टर की गवाही हुई। इसमें तय हुआ कि महिला ने अपने पति द्वारा जलाने की बात कही है। उसी आधार पर अदालत ने पति को हत्या का दोषी करार देकर उम्रकैद व दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
मजिस्ट्रेट के समक्ष ये था पत्नी का बयान
मेरा पति ओमप्रकाश मेरे ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर किवाड़ बंद कर भाग गया। इसी में जल गई। मेरी शादी को 19 वर्ष हो गए हैं। दारू पीकर रोजाना क्लेश करता है।
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