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मध्य प्रदेश के छतरपुर में थाने पर हुई हिंसा को 10 दिन बीत चुके हैं। कैसे सैकड़ों लोगों की भीड़ अचानक थाने के पास जमा हुई और हिंसा हो गई, पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करके इन सवालों के जवाब तलाश रही है। फिलहाल एक पर्चा सामने आया है जिसे छतरपुर में मुस्लिम समाज में बांटा गया था। इसे पढ़ने के बाद ही 21 अगस्त को भीड़ एकजुट हुई थी, क्योंकि पर्चे में उन्हें ‘गुलामी मुस्तफा’ का सबूत पेश करने को कहा गया था।
पर्चा सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि बड़ी संख्या में लोगों को जुटाने का प्लान पहले से तैयार किया गया था। पर्चे के मुताबिक, जुमला उलमा-ए-किराम अहले सुन्नत, छतरपुर और अंजुमन इस्लामियां कमेटी, छतरपुर की ओर से अपील की गई थी। महाराष्ट्र में पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए 21 अगस्त को जुटने की अपील की गई थी। इसमें कहा गया था कि कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकरकर सिटी कोतवाला जाना है। मस्तान शाह के मैदान में जुटकर लोगों से गुलामी मुस्तफा का सबूत पेश करने को कहा गया था। जिसने भी इस पर्चे को पढ़ा वह 21 को बताए गए जगह की ओर दौड़ पड़ा।
क्या लिखा है पर्चे में
ऐलान शीर्षक के साथ पर्चे में सबसे ऊपर लिखा गया है- बिरादराने इस्लाम….. अस्सलामो अलैकुम। आगे लिखा गया है, ‘हजरात ये खबर सुनकर आपको सख्त तकलीफ होगा कि सूबा महाराष्ट्र में गिरी महाराज नाम के एक शख्स ने हमारे प्यारे आका की शान में गलत अल्फाज कह कर सख्त गलती की है, उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए सिटी कोतवाली जाना है। आप हजरात से गुजारिश है कि 21 अगस्त 2024 बरोज बुध बाद नमाज जुहर मस्तान शाह के मैदान में इकट्ठा होकर गुलामी मुस्तफा का सबूत पेश करें।’ बताया जा रहा है इस पर्चे को लोगों को वॉट्सऐप और सोशल मीडिया के सहारे भी भेजा गया था।
1000 से ज्यादा लोगों की तलाश में पुलिस
छतरपुर पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज, मीडिया और मोबाइल कैमरों की रिकॉर्डिंग के एनालिसिस से पता चला है कि उस दिन एक हजार से अधिक लोग कोतवाली थाने पर जुटे थे। पुलिस ने अभी तक करीब तीन दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि अन्य की तलाश की जा रही है। मुख्य आरोपी शहजाद अली को तीन दिन की पुलिस रिमांड के बाद कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
रिपोर्ट: जयप्रकाश
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