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पाली में बरसाती पानी के बहाव क्षेत्र में आ रहे अतिक्रमण का जायजा लेते हुए टीम।
शहर को भविष्य में बाढ़ से बचाने और सुरक्षा प्रबंध के साथ बहाव क्षेत्र में गतिरोध देखने के लिए लगातार मौका देखा जा रहा है। जिला अधिकारियों की सर्वे टीम ने कमेटी अध्यक्ष एडीएम भवानी सिंह पंवार के नेतृत्व में शुक्रवार को कमेटी ने लाखोटिया तालाब, चादर वा
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निरीक्षण के दौरान टीम बरसाती पानी के बहाव क्षेत्र में आ रहे अतिक्रमण का जायजा लेते हुए।
उन्होंने सुझाव दिया कि तालाब के इस अंतिम छोर पर पानी के निकास के साइफन को बंद किया गया है। तालाब के भीतर भारी अतिक्रमण है। शहर के मानसूनी पानी के बहाव का ढंड नाडी क्षेत्र प्राचीनतम आजादी से पूर्व का बड़ा नाला है जिसको नगर परिषद ने कचरे और मिट्टी से भरकर समतल बना दिया। हाथी की समाधि और आश्रम डूब क्षेत्र में है। नाले के बहाव को मिट्टी से भरकर अग्रसेन वाटिका के दो गेट नाले के बहाव में खोले गए और तीसरा गेट खोलने की तैयारी की जा रही है। अग्रसेन वाटिका के लिए पार्किंग की जगह समतल की है। बहाव रोक कर रीको का संकरा नाला इंडस्ट्रीज एरिया प्रथम और द्वितीय फेस के प्रदूषित पानी और सिटी सीवरेज को मिक्स करके निकाला जा रहा है। नाले के डूब क्षेत्र में एक दर्जन लोगों ने कच्चे मकान बना लिए हैं। चादरवाले बालाजी स्थित पानी के निकास के छोटे साइफन को चौड़ा किया जाए। महेश वाटिका के पीछे तालाब के मध्य नगर परिषद ने कच्ची सड़क बनाई थी उसको हटाया जाए। भटवाड़ा के पीछे लाखोटिया तालाब के अंतिम भाग से पानी निकासी के लिए साइफन बनाकर जवाई नहर से जोड़ा जाए ओड बस्ती, उम्मेद सोसायटी के पीछे से एक बड़ा नाला निकाला जाए ताकि स्टेशन के गंदे पानी का बहाव रामदेव रोड से बांडी नदी में दिया जा सके।
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