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सोने-चांदी से सजे व नेचुरल स्टोन कलर से रंगे भगवान कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों को पिछवई, तंजौर और मिनिएचर आर्ट से सजाया। मौका था शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय ‘दर्शनम’ कला प्रदर्शनी का। जवाहर कला केंद्र की अलंकार गैलरी में आयोजित की जा रही इस आर्ट एग
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80 साल पुराना कला संग्रह दिखाया
‘दर्शनम’ में लगभग 80 साल पुराने कला संग्रह से बताया कि इस आर्ट एग्जीबिशन के जरिए हम राजस्थान के ट्रेडिशनल आर्ट फॉर्म पिछवई को एक उत्सव के तौर पर मनाना चाहते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव पर हमने श्रीनाथ जी की कमल तलाई, कामधेनु गाय, राधागोविंद, गोविंददेवजी, कृष्ण जन्म, रासलीला, नटखट गोपाल जैसी पेंटिंग्स डिस्प्ले की हैं। भगवान के राजभोग स्वरूप, बालरूप, गिरिराजजी, दान लीला जैसे सभी उत्सव स्वरूपों को कलाकृतियों में संजोया है। इस संग्रह के जरिए आने वाली पीढ़ी को भी विभिन्न पिछवई आर्ट फॉर्म्स की बारीकियों से अवगत कराना था।
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