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पुणे36 मिनट पहले
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कारों को सेफ्टी रेटिंग देने वाली भारतीय एजेंसी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) ने शुक्रवार (30 अगस्त) को कारों के लिए सेफ्टी रेटिंग स्टिकर लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य वाहन सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इस स्टिकर को कार के मॉडल का क्रैश टेस्ट करने के बाद उसके बेजे जाने वाले मॉडलों पर लगाया जाएगा। इस स्टिकर पर एक QR कोड होगा, जिसे स्कैन करके ग्राहक सेफ्टी रेटिंग और फीचर्स के बारे में जान सकेंगे।
क्रैश टेस्ट के बाद कंपनियों को स्टिकर भेजेगी कंपनी
भारत NCAP उन ऑटोमोबाइल कंपनियों को QR कोड स्टिकर भेजेगा, जिनके वाहनों का क्रैश टेस्ट किया गया हो। इन स्टिकर में मैन्यूफैक्चरर का नाम, वाहन या मॉडल का नाम, क्रैश टेस्ट की तारीख और एडल्ट और चाइल्ड दोनों के लिए सेफ्टी स्टार रेटिंग शामिल होगी। स्टिकर स्कैन करने से गाड़ी की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी।
टाटा की गाड़ियों को मिले 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग
भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) ने अब तक सिर्फ टाटा मोटर्स की गाड़ियों का क्रैश टेस्ट कर उनकी सेफ्टी रेटिंग जारी की है। इनमें कंपनी की टाटा सफारी, हैरियर, नेक्सन ईवी और पंच ईवी शामिल हैं। इन मॉडलों को एडल्ट और चाइल्ड पैसेंजर दोनों की सेफ्टी के लिए 5-स्टार रेटिंग दी गई है।
पिछले साल सितंबर में शुरू हुआ था क्रैश टेस्ट सेंटर
केंद्रीय सड़क-परिवहन राज्यमंत्री नितिन गडकरी ने 22 अगस्त 2023 को दिल्ली में हुए इवेंट में BNCAP को लॉन्च किया था। इसके बाद 18 सितंबर, 2023 को पुणे के चाकन स्थित केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT) में कमांड और कंट्रोल सेंटर की ओपनिंग की थी।
क्रैश टेस्ट की प्रोसेस
1. टेस्ट के लिए इंसान जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है।2. गाड़ी को फिक्स्ड स्पीड पर ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर (हार्ड ऑब्जेक्ट) से टकराकर देखा जाता है कि गाड़ी और डमी को कितना नुकसान पहुंचा है। ये तीन तरीके से किया जाता है।
- फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट में कार को 64 kmph की रफ्तार पर बैरियर से टकराया जाता है।
- साइड इम्पैक्ट टेस्ट में गाड़ी को 50 kmph की स्पीड पर बैरियर से टकराया जाता है।
- पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट में कार को फिक्स स्पीड पर पोल से टकराकर देखा जाएगा। पहले दो टेस्ट में कार के 3 स्टार रेटिंग हासिल करने पर तीसरा टेस्ट किया जाता है।
2. टेस्ट में देखा जाता है कि इम्पैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयरबैग और सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
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