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राजधानी जयपुर में लेपर्ड का मूवमेंट दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को जयपुर के जयसिंहपुरा खोर छापर की ढाणी इलाके में लेपर्ड का मूवमेंट देखा गया। जिसके बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को भी इसकी जानकारी दी जिसके बाद व
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छापर की ढाणी निवासी अमित कुमार सैनी ने बताया कि गुरुवार को लेपर्ड का मूवमेंट सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है। जिसे वन विभाग के कर्मचारियों को भी दे दिया गया है। लेकिन अब तक लेपर्ड उनकी पकड़ में नहीं आया है। इसकी वजह से पूरे इलाके में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। ऐसे में हम सरकार से मांग करते हैं कि इस पूरे मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द आबादी क्षेत्र में पहुंचे लेपर्ड को पकड़ कर दूर पहुंचाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजबूरन हमें आंदोलन की राह पर आगे बढ़ना पड़ेगा।
भटक कर आबादी इलाके में पहुंच जाता है
डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर जगदीश गुप्ता ने बताया कि गर्मी के दिनों में भोजन और पानी की तलाश में लेपर्ड कई बार वन क्षेत्र से भटक कर आबादी इलाके में पहुंच जाता है। जयसिंहपुरा खोर इलाका भी अरावली पर्वत श्रृंखला से सटा हुआ है। जहां लेपर्ड मूवमेंट की जानकारी मिली है। इसके बाद वन विभाग द्वारा इलाके में पिंजरा लगाने के साथ ही कर्मचारियों के मूवमेंट को बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही वन विभाग के कर्मचारी लेपर्ड को सर्च करने में भी जुटे हुए हैं। ताकि समय रहते उसे पकड़ कर आबादी से दूर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जा सके।
बता दें कि जयपुर मी झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व होने की वजह से बड़ी संख्या में लेपर्ड का मूवमेंट रहता है। जयसिंहपुरा खोर इलाके से पहले लेपर्ड मूवमेंट दिल्ली रोड, जमवारामगढ़, मालवीय नगर झालाना इलाके में नजर आ चुका है। इस दौरान लेपर्ड कई बार मवेशियों और जंगली जानवरों को अपना शिकार बन चुका है। तो वहीं जमवारामगढ़ इलाके में मासूम बच्चे को भी मौत के घाट उतार चुका है। बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे लेपर्ड के मूवमेंट को रोकने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं।
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