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फलोदी में रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के बालिका शिक्षा कार्यक्रम के तहत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय फलोदी, छीला और मोखेरी में चल रहे बालिका शिक्षा कार्यक्रम की समीक्षा की गई।
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इस बारे में आरईआई रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के साथ सुचेता शर्मा और धीरज हेगड़े ने साझा किया। इसके साथ ही, एसएमबी विद्यालय में प्रधानाचार्या कांता पंवार के सानिध्य में मेंटरिंग सत्र का आयोजन किया गया।
रिसोर्स पर्सन एडवोकेट दीपक गौड़, कुलदीप छंगाणी, और सिकन्दर घोषी ने “लिंग आधारित हिंसा और सुरक्षा” सत्र का संचालन किया, जिसमें 11वीं कक्षा की 129 छात्राओं ने भाग लिया। इस सत्र में छात्राओं को हिंसा के विरुद्ध सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई।
एडवोकेट दीपक गौड़ ने लिंग आधारित हिंसा के विभिन्न रूपों को समझाते हुए बताया कि मौखिक, अमौखिक और सोशल मीडिया पर की जाने वाली हिंसा, जैसे किसी व्यक्ति द्वारा बिना मर्जी के छूने की कोशिश, गलत नजरिए से घूरना, आदि हिंसा की श्रेणी में आते हैं।
तस्वीरों के जरिए बच्चियों को जागरुक करते हुए एडवोकेट दीपक गौड़, कुलदीप छंगाणी और सिकन्दर घोषी।
उन्होंने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देने से बचने के लिए अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए। सोशल मीडिया पर लोग पहले आपको आकर्षित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आपको उनकी बातों को स्वीकृति नहीं देनी चाहिए। हिंसा को रोकने के लिए “ना” कहना बहुत महत्वपूर्ण है। “ना” अपने आप में एक वाक्य है, जिससे खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। अपराध को सहन करने से अपराधियों के हौंसले बुलंद होते हैं और घटनाओं को बढ़ावा मिलता है।
एडवोकेट दीपक गौड़ ने पॉक्सो एक्ट 2012 के बारे में जानकारी दी और छात्राओं को गुड टच और बैड टच के बीच अंतर को समझाने के लिए लैपटॉप के माध्यम से कुछ तस्वीरें दिखाईं। इसके साथ ही, कार्यक्रम की सीनियर अधिकारी सुचेता शर्मा ने छात्राओं को ‘प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट’ (POSH) एक्ट 2013 से अवगत कराया।
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