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प्रसिद्ध कवि व साहित्यकार और प्रशासनिक सेवा में संयुक्त आयुक्त ग्रामीण विकास के पद पर रहे प्रतीक सोनवलकर का गुरुवार को दोपहर में स्वास्थ्य खराब होने से कारण निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे उनके निवास स्थान अर्जुन नगर उदयन मा
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प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार प्रतीक सोनवलकर इंदौर से स्थानांतरित होकर हाल ही में उज्जैन में संयुक्त आयुक्त ग्रामीण विकास के पद पर सदस्य हुए थे। बताया गया कि गुरुवार सुबह से ही उनकी तबीयत खराब चल रही थी। इस दौरान उनकी पत्नी पंकजा सोनवलकर निर्मला कॉलेज में थी। दोपहर में जब वे कॉलेज से वापस लौटी तो सोनवलनकर का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने पर उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां रास्ते में उनकी मौत हो गई। सोनवलकर के एक पुत्री व एक पुत्र सार्थक प्राइवेट जॉब में बाहर है। प्रतीक सोनवलकर प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. दिनकर सोनवलकर के पुत्र है। इनके एक भाई जयंत सोनवलकर भोज विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति भी रहे है। दिवंगत सोनवलकर की कई कविता संग्रह प्रकाशित हुए है। प्रशासनिक सेवा में रहते हुए वे साहित्य सृजन में लीन रहते थे। सोनवलकर के निधन की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक क्षेत्र व साहित्य जगत में शोक की लहर फेल गई।
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