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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एक अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं। उम्मीदवारों का भी ऐलान जल्द होने वाला है। चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए गुरुवार को बीजेपी ने एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में जेपी नड्डा, बीएल संतोष के अलावा हरियाणा कोर कमेटी के सदस्यों, इनचार्ज धर्मेंद्र प्रधान, बिप्लव देव, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आदि शामिल थे। यह बैठक आज शाम को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक से पहले हुई, जिसके दौरान पैनल एक अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे सकता है। सीईसी में भाजपा प्रमुख नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री शाह और राजनाथ सिंह समेत अन्य लोग शामिल हैं।
‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी की इस अहम बैठक में कंगना रनौत के पिछले दिनों दिए गए किसानों को लेकर बयान पर भी चर्चा हुई। मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा था कि यदि केंद्रीय नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी बन सकती थी। कंगना रनौत के इस बयान पर विपक्ष ने जमकर बीजेपी को निशाना बनाया था। इसके बाद बीजेपी ने कंगना के बयान से किनारा करते हुए उन्हें नसीहत भी दी गई थी।
जेपी नड्डा के आवास पर हुई हरियाणा चुनाव को लेकर बैठक में कंगना के बयान पर चर्चा हुई कि इससे क्या बीजेपी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर पड़ेगा? इसके अलावा बैठक में बीजेपी ने हरियाणा के प्रभावशाली जाट और दलितों को भी लुभाने की रणनीति बनाई। हरियाणा में जाट और दलित वोट का बड़ा हिस्सा कांग्रेस को जाता रहता है और अब बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में इन दोनों वोट को अपनी ओर करने की कोशिश में लग गई है। बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पार्टी की राज्य टीम ने केंद्रीय टीम को राज्य के राजनीतिक परिदृश्य से अवगत कराया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमारी पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है…अब केंद्रीय चुनाव आयोग (विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर) अंतिम फैसला लेगा।”
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