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जाटों को देशभक्त बताते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी।
हरियाणा में गैर जाट की राजनीति करने वाली भाजपा अब जाटों को अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि जाट देशभक्त हैं और 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा को ही वोट देने वाले हैं।
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मुख्यमंत्री का ये बयान ऐसे समय में आया है जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और राज्य में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चल रही है। इसलिए सीएम के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस ने सीएम के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा- “नौकरी के लैटर बांटने थे, लेकिन ये तो देशभक्ति के लैटर बांटने लग गए”।
भाजपा की नजर गैर-जाट समुदाय के वोटबैंक पर ज्यादा रहती है इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जाट बाहुल क्षेत्रों में बीजेपी के लिए चक्रव्यूह तैयार करने में लगी हुई है। बीजेपी को भी इस बार ड़र सता रहा है कि कहीं जाटों का पूरा वोट कांग्रेस में ना शिफ्ट हो जाए। यही कारण है कि अब सीएम सैनी को जाटों की देशभक्ति याद आ गई है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम नायब सैनी।
सीएम बोले- जाट भाजपा को देंगे वोट
मंगलवार को सीएम नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान एक पत्रकार ने कहा- “राज्य में भाजपा को जाटों का सर्मथन नहीं है”। इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा “ऐसा कोई फैक्टर नहीं है, कल मेरी तोशाम के अंदर रैली थी, रैली के दौरान जाट समाज ने खुले तौर पर अपने दोनों हाथ उठाकर कहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी को ही वोट देंगे।
‘हुड्डा पर बरसे सीएम सैनी’
सीएम ने कहा- हुड्डा ने जाट समाज का शोषण किया है, कांग्रेस के लोग नैरेटिव सेट करने में लगे हुए हैं कि हैं कि जाट भाजपा को वोट नहीं दे रहा, जबकि हकीकत ये है कि पूरा जाट समाज भाजपा को ही वोट दे रहा है।
‘जाट देशभक्त कौम है’
जाटों पर आगे बोलते हुए सीएम ने कहा- जाट देशभक्त कौम है, वो हुड्डा के विकास में योगदान नहीं देना चाहते, वो देश के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं और इसीलिए वो लगे हुए हैं और इस बार चुनाव में जाट समुदाय भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़े मैंडेट से जिताने वाला है।
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा।
कांग्रेस ने सीएम को दिलाई भर्तियों की याद
सीएम का बयान सामने के बाद हरियाणा कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। पोस्ट में कांग्रेस ने सीएम को भर्तियों की याद दिलाई है। सीएम का वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा गया है “नौकरी के लैटर बांटने थे, लेकिन ये तो देशभक्ति के लैटर बांटने लग गए। हरियाणवी सब देशभक्त हैं साहब। आप सिर्फ ये बताओ कि आचार संहिता में भर्तियों का ड्रामा क्यों कर रहे हो, साढ़े नौ साल मनोहर लाल जी खर्राटे क्यों लेते रहे ?”
हरियाणा में है जाटों का दबदबा
हरियाणा में 22.2 प्रतिशत जाट समाज किसी को भी सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने और किसी की भी सरकार गिराने का दमखम रखता है। रोहतक, सोनीपत, कैथल, पानीपत, जींद, सिरसा, झज्जर, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी जिलों की करीब 35 विधानसभा सीटों पर जाटों की अच्छी पकड़ है। जिसके कारण इस इलाके को जाटलैंड भी कहा जाता है। इस बार के चुनाव में जाटलैंड की सीटें बीजेपी के लिए सिर दर्द बनी हुई हैं तो कांग्रेस इन्हीं सीटों की बदौलत एक बार फिर सत्ता में आने का सुनहरा सपना देख रही है।
पांच बार हरियाणा के सीएम रहे ओपी चौटाला।
33 साल तक सत्ता पर रहा जाटों का दबदबा
भले ही बीजेपी जाटों को दरकिनार कर बाकी 78 प्रतिशत को साधने में लगी हुई हो लेकिन ये तो तय है कि हरियाणा में जाटों की जड़ें बहुत गहरी हैं। हरियाणा का 58 साल का पूरा इतिहास देखें तो 33 सालों तक जाट समुदाय के नेता सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे हैं। गैर-जाट मुख्यमंत्रियों में भगवत दयाल शर्मा, राव बीरेंद्र सिंह, भजन लाल, बनारसी दास गुप्ता, मनोहर लाल खट्टर और मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी हैं।
वहीं, जाट समुदाय के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो इस लिस्ट में बंसीलाल, देवीलाल, ओम प्रकाश चौटाला, हुकुम सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसमें से भी बंसीलाल तीन बार, ओपी चौटाला पांच बार और भूपेंद्र हुड्डा दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं।
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