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Bareilly News: भूमि अधिग्रहण घोटाले के तार दिल्ली तक जुड़े होने का अंदेशा है। मूल्यांकन में फर्जीवाड़े से जुड़े पुराने अभिलेख खंगाले जा रहे हैं। इसमें लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई और एनएचएआई से जुड़ी आउटसोर्स एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी फंस रहे हैं।
बरेली-सितारगंज हाईवे के लिए हुआ था भूमि अधिग्रहण
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
भूमि अधिग्रहण घोटाले के आरोपियों को अब सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) का खौफ सता रहा है। बचाव के लिए वे कानूनी सलाह ले रहे हैं। वहीं, इस मामले में कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। निलंबन, एफआईआर और बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है। मामला केंद्र सरकार से सीधा जुड़ा है और प्रमुख सचिव को भी जांच के लिए पत्र लिखा गया है। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक इस मामले पर नजर गड़ाए बैठी हैं।
बरेली-सितारगंज हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण में घोटाला सामने आने के बाद एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार शर्मा और परियोजना निदेशक बीपी पाठक का निलंबन हो चुका है। मामले की प्रारंभिक जांच में अभी 50 करोड़ रुपये का कंस्ट्रक्शन घोटाला ही सामने आया है।
सूत्रों की माने तो 20 करोड़ का अन्य घोटाला भी पकड़ा जा चुका है, जिसको अभी उजागर नहीं किया गया है। जांच अधिकारियों का अनुमान है कि कंस्ट्रक्शन का घोटाला ही 200 करोड़ से ऊपर का है। भूमि अधिग्रहण का ग्रैंड घोटाला बाकी है। इन सबके बीच चर्चा है कि जल्द ही रिपोर्ट दर्ज कर जांच सीबीआई को दी जा सकती है। इसके बाद से घपलेबाज बचाव का रास्ता तलाश रहे हैं।
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