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झारखंड के 61 हजार सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) को सरकार ने 2950 रुपए का एकमुश्त लाभ दिया है। पारा शिक्षकों के मानदेय में एक हजार रुपए की वृद्धि की गई है। इतना ही नहीं अब उन्हें ईपीएफ का भी लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार अपनी ओर से 1950 रुपए देगी। शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम, विभागीय अधिकारियों और झारखंड राज्य सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बीच बुधवार को हुई वार्ता में यह निर्णय लिया गया।
अब सरकार देगी ईपीएफ का भी लाभ
बैठक में सितंबर में होने वाली कैबिनेट में ईपीएफ का प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया। साथ ही अगले महीने से ही इसका लाभ देने पर सहमति बनी। राज्य में कार्यरत सभी कोटि के पारा शिक्षक (टेट पास, प्रशिक्षित, अप्रशिक्षित) के मानदेय में समान रूप से एक-एक हजार रुपये बढ़ेंगे और ईपीएफ के लिए उनके बैंक एकाउंट से 1800 (12 प्रतिशत) रुपये कटेंगे, जबकि राज्य सरकार 1950 रुपये (13 प्रतिशत) देगी। इस आधार पर ईपीएफ में हर महीने एक पारा शिक्षक के नाम पर 3750 रुपये जमा होंगे।
बैठक में आकलन परीक्षा पास सहायक अध्यापको को जेटेट के समतुल्य लाभ देने को लेकर भी आश्वासन दिया गया। इसका प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा जाएगा। साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 मे संशोधन कर सीटेट को जेटेट के समतुल्य लाभ दिया जायेगा। आकलन परीक्षा से प्रभावित 5000 पारा शिक्षकों के त्रुटिपूर्ण उत्तर का अंक का निष्पादन कर रिजल्ट जारी होगी। अनुकंपा में संशोधन करते हुए अनुबंध स्तरीय पदों पर 30 प्रतिशत आरक्षण पारा शिक्षकों के परिजनो को दिया जाएगा। वार्ता में मुख्य रूप से विधायक सुदिव्य सोनू, राजेश कच्छप, अमित यादव, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, परियोजना निदेशक आदित्य रंजन आदि मौजूद थे।
वहीं प्रशासी पदाधिकारी सच्चिदानंद द्विवेंदु तिग्गा, ममता लाकड़ा और बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, सिद्दीक शेख, बिनोद तिवारी, प्रद्युमन कुमार सिंह, विकास कुमार चौधरी, सुमन सिंह, निरंजन कुमार डे, बेलाल अहमद, भागवत तिवारी, सुशील कुमार, वीरेंद्र कुमार राय मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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