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जल-जंगल की रक्षा कीजिए… वरना एक दिन भूखों मर जाएंगे. यकीन नहीं आ रहा हो, तो इस देश की हालत देखिए. सूखे की वजह से ऐसा अकाल पड़ा है कि खाने के लिए अनाज नहीं मिल रहा है. लोग भूख से तड़प रहे हैं. प्यास से तड़प रहे हैं लेकिन पीने को पानी नहीं है. सरकार भी क्या करे, अनाज के गोदाम खाली हो चुके हैं. कहीं से आस भी नहीं है. लोगों की जान बचानी है, तो सरकार अब जानवरों को मार रही है. हाथियों को मारकर उनका मांस जनता में बांट रही है. जेब्रा-वाइल्डबीस्ट को मारने का प्लान है, ताकि किसी तरह लोगों की भूख मिटाई जा सके.
मामला अफ्रीकी देश नामीबिया का है, जहां 100 साल में सबसे बड़ा सूखा पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, पिछले महीने ही नामीबिया के खाद्य गोदाम खाली हो गए. उनमें सिर्फ 16 फीसदी अनाज पड़ा हुआ था. बाजारों से अनाज गायब हैं. पैसे होने के बावजूद लोग खरीद नहीं पा रहे हैं. लोगों को भूख से मरता देखकर सरकार ने पार्कों और कम्युनिटी एरिया में रखे गए 83 हाथियों को मारने का फैसला किया है. इनका मांस जनता के बीच बांटा जाएगा.जाएगा. इनके अलावा 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंसों के साथ-साथ 50 इम्पाला, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 300 ज़ेबरा और 100 एलैंड को भी मारने का प्लान है. इसे कलिंंग कहा जा रहा है.
कलिंग आखिर है क्या?
नामीबिया की इनवायरमेंट मिनिस्ट्री के मुताबिक, जो जानवर कमजोर हैं, उन्हें मारने के लिए चुना जाएगा. इसके लिए पेशेवर शिकारी लगाए गए हैं. कुछ कंपनियों को ठेका दिया गया है. अब तक 157 जानवरों का शिकार किया जा चुका है. इनसे 56,800 किलो से अधिक मांस सरकार को मिला है, जिसे लोगों में बांटा जा रहा है.
संविधान की दुहाई
सरकार जानवरों को मारने के लिए संविधान की दुहाई दे रही है.है. पर्यावरण मंत्रालय ने कहा, यह काम बेहद जरूरी है, क्योंकि हमारा संविधान भी कहता है कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नागरिकों की जान बचाने के लिए होना चाहिए. बता दें कि पांच अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे, जाम्बिया, बोत्सवाना, अंगोला और नामीबिया में 2 लाख से ज्यादा हाथी रहते हैं. यहां हाथियों की सबसे घनी आबादी है. इस वजह से इनमें संघर्ष भी होता है. पिछले साल सूखे की वजह से 300 से ज्यादा हाथी मर गए थे.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 23:36 IST
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