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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा दे दिया है और सभी पद छोड़ दिए हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी। चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन को संबोधित अपने त्याग-पत्र में लिखा झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। मैं जेएमएम की मौजूदा नीतियों और कार्यशैली से क्षुब्ध होकर, पार्टी छोड़ने को विवश हूं।
झामुमो की मौजूदा नीतियों से व्यथित हूं
वरिष्ठ आदिवासी नेता चंपाई सोरेन ने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को लिखे पत्र में कहा कि झामुमो की मौजूदा कार्यशैली और नीतियों से व्यथित होकर उनको पद छोड़ने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने लिखा- झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा एवं मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा।
भटक चुकी है जेएमएम
चंपाई ने एक्स पर साझा किए अपने पत्र में लिखा- आज बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आप के मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, आज वह पार्टी अपनी दिशा से भटक चुकी है। हम लोगों ने जिस पार्टी के लिए जंगलों, पहाड़ों और गांवों की खाक छानी थी, वह भटक चुकी है।
आप बीमार हैं, फिर कहां व्यथा सुनाएं?
चंपाई सोरेन ने यह भी कहा है कि बीते दिनों के घटनाक्रम से मुझे काफी पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा रहा है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं। मौजूदा वक्त में आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है, जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें। इससे मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।
शिबू सोरेन को माना मार्गदर्शक
चंपाई सोरेन ने अंत में लिखा- आपके (शिबू सोरेन) मार्गदर्शन में झारखण्ड आंदोलन के दौरान और उसके बाद भी मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। आप हमेशा मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे। आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें। बता दें कि हाल ही में चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस बैठक में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। असम के सीएम ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था कि चंपाई सोरेन 30 अगस्त को रांची में भाजपा ज्वाइन करेंगे।
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