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लघु सचिवालय में डीएसपी से मुलाकात करने पहुंचे मृतक के परिवार वाले
हिसार के बोबुआ गांव रामनिवास की करंट लगाकर हत्या करने के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने बुधवार को भी शव नहीं उठाया। रामनिवास की मौत 24 अगस्त को हुई थी। इस मामले को लेकर गांव में पंचायत भी हुई लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े
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परिजनों और ग्रामीणों को समझने के लिए डीएसपी सुनील गौरव नागरिक अस्पताल में धरना स्थल पर पहुंचे। लेकिन परिजन और ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी सहित आर्थिक मुआवजे की मांग को लेकर अड़े रहे। परिवार वालों ने ऐलान कर कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती डेड बॉडी का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
परिजनों को नागरिक अस्पताल के सीएमओ कार्यालय परिसर में धरना जारी। मृतक के परिजनों का साफ कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती वे शव नहीं लेंगे। बीते दिन परिजनों ने शाम को कैंडल मार्च भी निकाला था। पुलिस ने मृतक की पत्नी रानी की शिकायत पर गांव के ही कर्मबीर, मीनू और एक अन्य के खिलाफ हत्या और एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
परिवार की एक सदस्य को नौकरी देने की मांग
नागरिक अस्पताल में धरने पर बैठे एडवोकेट बलवंत सिंह और चांदीलाल ने बताया कि 4 दिनों के बाद भी पुलिस प्रशासन की तरफ से अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। जबकि आरोपी अभी तक भी खुलेआम घूम रहे है। धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी, आर्थिक मदद नहीं मिल जाती शव नहीं उठाएंगे।
बोबुआ गांव की महिला रानी ने बताया कि पति रामनिवास 25 साल गांव के एक जमींदार कर्मबीर के खेत में मजदूरी का काम करता था। शनिवार सुबह करीब 9 बजे कर्मबीर मेरे पति को बुलाने आया तो वह उनके साथ चला गया। करीब 11 बजे खेत में लकड़ी लेने गई उस समय कर्मबीर से पति के बारे में पूछा लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद घर चली गई। थोड़ी देर के बाद परिजनों के साथ वापस खेत में आए।
माेनू के खेत में पति रामनिवास का शव मिला। सिर पर चोट के निशान थे। आरोप था कि कर्मबीर, मोनू और एक अन्य ने बिजली का करंट लगाकर पति की हत्या की है।
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