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मध्य प्रदेश के छतरपुर थाने पर पत्थरबाजी कराने का मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से तीन दिन की रिमांड मांग की और कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया।
हाजी शहजाद अली की गिरफ्तारी के मामले में सबसे बड़ी बात यह रही कि गिरफ्तार होने के 24 घंटे बाद भी उससे मिलने उसके परिवार रिश्तेदार या उसके जान पहचान का एक भी व्यक्ति ना तो कोतवाली पहुंचा और ना ही हॉस्पिटल आया। जिस हाजी शहजाद अली के कहने पर सैकड़ों की संख्या में लोग थाने में इकट्ठे हुए थे और उसके इशारे पर थाने में पत्थरबाजी की, उसी हाजी शहजाद अली को देखने के लिए एक आदमी तक नहीं आया।
हाजी शहजाद अली को गिरफ्तार करने से पहले छतरपुर जिले के कई इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। क्यूआरएफ के जवानों की एक टुकड़ी भी छतरपुर एसपी ऑफिस में तैनात थी। कुल मिलाकर पुलिस की नजर चप्पे-चप्पे पर थी कि किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो।
पुलिस को इस बात का अंदाजा था कि कहीं ऐसा ना हो की हाजी शहजाद अली की गिरफ्तारी का लोग विरोध करने लगे और एक बार फिर माहौल न बिगड़ जाए। इसलिए पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा के तमाम इंतजाम कर रखे थे।
हाजी शहजाद अली अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस ने कोर्ट से 3 दिन की डिमांड मांग ली है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को इस बात की उम्मीद है कि शहजाद अली से पूछताछ के बाद थाने में हुए पत्थर बाजी कांड के कई अहम सुराग और खुला से हो सकते हैं। पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि इस पूरे मामले में हाजी हजार अली की मदद किसने की और वह कहां-कहां ठहरा और किसने उसे पनाह दी।
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