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बिजनेस में घाटा होने पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर किडनैपर बन गया। अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की। उसने अपने दोस्तों को पैसे का लालच देकर गैंग बनाई और जयपुर से बीटेक स्टूडेंट को किडनैप किया। युवक अच्छे कपड़े पहने हुए था। इसी से बदमाशों को धो
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ऑयल मिल में हुआ लाखों का नुकसान
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि किडनैपिंग का मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह (40) सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह डीग शहर के अउ गेट का रहने वाला है। अभी हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में त्रिकुटा भवन आदर्श विहार सपुरन में किराए पर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रह रहा था। उसने बड़ा इन्वेस्टमेंट कर यूपी में ऑयल मिल खोली थी। बिजनेस कामयाब नहीं हुआ और घाटा उठाना पड़ा। बैंक का ब्याज बढ़ता जा रहा था। इसलिए नुकसान की भरपाई करने के लिए उसने किसी अमीर लड़के के अपहरण की साजिश रची।
मामले का खुलासा करते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ।
किडनैपिंग सीखने के लिए देखी हॉलीवुड मूवी
किडनैपिंग को कैसे शातिर तरीके से अंजाम दिया जाए, पुलिस से कैसे बचा जाए, सारे तौर-तरीके सीखने के लिए मास्टरमाइंड वीरेंद्र ने अपनी गर्लफ्रेंड जमुना सरकार के साथ मिलकर कई बॉलीवुड-हॉलीवुड मूवी देखी। एक मूवी में उसने देखा कि फोन की लोकेशन पकड़ में नहीं आए इसलिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करना है। चलती ट्रेन से फिरौती की रकम का बैग फिंकवाना है। प्लान में कितने लोगों को शामिल करना है। कैसे अंजाम देना है।
पैसों का लालच देकर दोस्तों को किया शामिल
मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह ने पैसों का लालच देकर दोस्त विनोद, अमित कुमार और जितेंद्र भंडारी व एक अन्य को शामिल किया। करीब 10 दिन पहले मीटिंग रखी। किडनैपिंग के दौरान काम आने वाली चीजें (टेप, रस्सी, वॉकी-टॉकी, नींद की गोलियां व चाकू) खरीदे। अब गैंग तैयार करने के बाद शिकार ढूंढने के लिए बदमाश जयपुर पहुंचे। कई पर्यटक स्थल घूमे। फिर तय हुआ कि अच्छे कपड़े और गाड़ी वाले किसी युवक को किडनैप करना है।
आरोपियों को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया है।
नशीला पदार्थ सुंघाकर बांधे हाथ-पैर
वीरेंद्र ने हिमाचल के सोलन में बैठी अपनी गर्लफ्रेंड जमुना को पूरी तैयारी रखने को कहा। पांचों बदमाश 18 अगस्त की दोपहर करीब 3 बजे जलमहल के पास पहुंचे। यहां कोई रईस जैसा शिकार नहीं मिला। कार में बैठकर टारगेट की फिराक में नाहरगढ़ की पहाड़ियों में जा पहुंचे। मेन रोड से करीब 1-1.5 KM अंदर एक जगह चिन्हिृत कर बदमाश टारगेट को तलाशने लगे। रात करीब 8:30 बजे बाइक सवार दो लड़कों को आते हुए देखा। ये दोनों कोई और नहीं, अनुज (21) और उसका दोस्त सोनी सिंह थे। अनुज अच्छे कपड़े पहने हुए था। अच्छा पहनावा देखकर बदमाशों ने तय कर लिया कि अब इसे किडनैप करना है। बाइक पास आते ही रुकने का इशारा किया। बदमाशों ने नशीला पदार्थ सुंघाया। बदमाशों ने अनुज को अच्छे खानदान का समझा और हाथ-पैर रस्सी से बांधकर झाड़ियों में डाल कर ले गए। उसके साथी सोनी सिंह को हाथ-पैर बांधकर झाड़ियों में छोड़ दिया।
ऑटो चलाते हैं स्टूडेंट के पिता
रात करीब 9:30 बजे होश आने पर अनुज के दोस्त सोनी ने तुरंत ब्रह्मपुरी थाना पुलिस को किडनैपिंग के बारे में सूचना दी। पुलिस को सोनी की बताई बात पर यकीन नहीं हुआ। इसके बाद दोस्त के परिजनों को सूचित किया। अनुज के पिता शिव लहरी मीणा मूल रूप से हिंडौन के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह जयपुर के प्रताप नगर में रहकर ऑटो चलाते हैं। शिव लहरी थाने पहुंचे और पुलिस को बताया कि उनका बेटा अनुज पंजाब के संगरूर के कॉलेज से बीटेक कर रहा है। 15 अगस्त को वह परिवार से मिलने जयपुर आया था। 18 अगस्त की शाम करीब 7 बजे वह दोस्त सोनी के साथ बाइक लेकर निकला था। नाहरगढ़ से उसे किडनैपर उठा ले गए।
अपहरणकर्ताओं के शिकंजे से छूटने के बाद जयपुर पुलिस से मिलते हुए स्टूडेंट अनुज।
फिरौती के लिए फोन आया तो परिवार सहम गया
पुलिस को अंदेशा था कि अनुज के साथ इतनी बड़ी वारदात नहीं हुई होगी। ऐसे में पुलिस टीम नाहरगढ़ की पहाड़ियों में ही उसे ढूंढती रही। दो दिन तक अनुज का कोई सुराग नहीं लगा। 20 अगस्त की रात को अनुज के मोबाइल से पिता को किडनैपर ने कॉल किया। कहा- तुम्हारा बेटा हमारे पास है। 20 लाख रुपए की व्यवस्था करो, बेटा जिंदा मिल जाएगा। बेटे को किडनैप कर 20 लाख की फिरौती की बात सुनकर घबराए पिता ने ब्रह्मपुरी थाने में शिकायत दी।
किडनैपर निकले शातिर, लोकेशन ट्रेस करना था मुश्किल
किडनैपर ने अनुज के मोबाइल से कॉल कर 20 अगस्त को पहली बार फिरौती की रकम मांगी। पुलिस को उसकी लोकेशन मथुरा (उत्तर प्रदेश) की मिली। ब्रह्मपुरी (जयपुर) थाने के SI हरिओम सिंह के नेतृत्व में कॉन्स्टेबल कानाराम, प्रदीप व उमेश की टीम को मथुरा भेजा गया। अगले दिन बदमाशों ने फिर 20 लाख की फिरौती मांगने के लिए कॉल किया।
पुलिस ने लोकेशन ट्रेस की तो देहरादून की निकली। 22 अगस्त को तीसरी बार कॉल पंचकूला (हरियाणा) की लोकेशन से आया। पुलिस को समझ आ गया था कि आरोपी बहुत शातिर हैं और हर बार लोकेशन बदल रहे हैं। मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर बदमाशों को पकड़ना मुश्किल हो गया था।
किडनैपर्स तक पहुंचने के लिए बदला भेष, पुलिस बनी रिश्तेदार
ACP (आमेर) शिवरतन गोदारा के नेतृत्व में पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाई गई। DST (वेस्ट) के ASI मनेंद्र सिंह व कॉन्स्टेबल कोमल सिंह, CST के SI दीपक त्यागी व कॉन्स्टेबल मनोज को किडनैप हुए युवक का रिश्तेदार बनाया गया। कुछ ने फटे-पुराने कपड़े पहनकर मजदूरों का भेष बनाया।
बदमाशों को शक नहीं हो, इसलिए किडनैप हुए युवक अनुज की मां को फिरौती के लिए डमी नोट देकर एक रिश्तेदार के साथ चंडीगढ़ रवाना किया। इसी बीच चौथी बार बदमाशों की फिरौती के लिए कॉल आई। अनुज की मां ने पुलिस के बताए प्लान के अनुसार कहा- हम पैसा देने आ रहे हैं, कहां आना है।
सोलन में जब पुलिस पहुंची तो युवक सो रहा था।
चलती ट्रेन से फिरौती का बैग फिंकवाया
बदमाशों ने 24 अगस्त की रात फोन कर कालका रेलवे स्टेशन से टॉय ट्रेन में बैठकर शिमला बुलाया। साथ ही सख्त हिदायत दी कि मोबाइल बंद नहीं होना चाहिए और ट्रेन की लास्ट बोगी में ही बैठना। पुलिसकर्मी 25 अगस्त की सुबह 3:45 बजे अपने प्लान के अनुसार भेष बदलकर अनुज की मां के साथ ट्रेन की लास्ट बोगी में बैठ गए। यह ट्रेन 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।
बदमाशों ने सुबह करीब 5.40 बजे ट्रेन धर्मपुर रेलवे स्टेशन के पास आने पर कॉल किया। अनुज की मां को चलती ट्रेन के गेट पर आकर फिरौती की रकम का बैग फेंकने को कहा गया। अनुज की मां ने जैसे ही चलती ट्रेन से बैग फेंका, पटरियों के साथ पैरेलल चल रही रोड से एक युवक बैग लेने पहुंचा। इस दौरान ट्रेन स्लो थी, तभी बैग उठाने वाले बदमाश को पुलिस ने चलती ट्रेन से कूदकर धर-दबोचा। पुलिस टीम ने वॉकी-टॉकी पर निर्देश दे रहे दूसरे साथी को भी धर्मपुर रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ लिया।
बंधक बनाकर रखा
पुलिस ने पकड़े गए दोनों किडनैपर्स, उनके साथियों के ठिकाने और किडनैप हुए युवक के बारे में पूछताछ की। पता चला कि सोलन (हिमाचल प्रदेश) के एक फ्लैट में युवक को बंधक बनाकर रखा गया है। पुलिस उस फ्लैट पर जा पहुंची। अनुज के मुंह पर टेप, आंख पर पट्टी और लोहे की जंजीर से हाथ बांध रखे थे। फ्लैट में मिले मास्टरमाइंड, उसकी गर्लफ्रेंड व उसके साथी को पकड़ लिया। पुलिस ने पांचों बदमाशों को पकड़कर उसके कब्जे से किडनैप अनुज को सुरक्षित छुड़वा लिया।
26 अगस्त को अनुज मीणा का जन्मदिन था। सोलन से जयपुर लेकर आते समय रास्ते में पुलिस टीम ने अनुज का बर्थडे सेलिब्रेट किया।
पुलिस ने किया बर्थडे सेलिब्रेट
26 अगस्त को अनुज का 22वां बर्थडे था। किडनैपर्स के चंगुल से मुक्त करवाकर पुलिस ने अनुज को बर्थडे का तोहफा दिया। छुड़ाने गई पुलिस टीम ने केक कटवाकर अनुज का बर्थ-डे सेलिब्रेट किया। गिरफ्तार आरोपियों ने प्राथमिक पूछताछ में पुलिस से बचने के लिए वॉकी-टॉकी यूज करना बताया है। किडनैप युवक व उनकी लोकशन का पता नहीं चले उसके लिए वह बाइक से करीब 100 KM दूर जाकर फिरौती के लिए कॉल करते थे। फिल्मी स्टाइल में पूरी तरह से प्लानिंग करने के बाद भी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
बड़ी बहन ने राखी बांधी
किडनैपर के चंगुल से छूटने के बाद अनुज को उसकी बड़ी बहन ने राखी बांधी। पुलिस टीम के साथ हिमाचल अनुज के पिता शिव लहरी, उसकी बड़ी बहन शिवानी और मां भी गई थी। पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने दुर्गम पहाड़ियों में मकान किराए पर लिया था। वहां नींद की गोलियां, टेप, रस्सियां, धारदार हथियार, चाकू, पेचकस व वॉकी-टॉकी मिले हैं। गैंग का एक आरोपी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। मंगलवार को कोर्ट ने बदमाशों को जेल भेज दिया।
भागने की कोशिश की तो पीटा
अनुज ने बताया कि बदमाशों ने पहले दिन सही व्यवहार किया। मोबाइल का पासवर्ड ले लिया था। खाना भी समय पर दिया। दो दिन बाद अनुज ने भागने के लिए बेड के नीचे पड़े सामान में आग लगा दी। इसके बाद वह बाथरूम में जाकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। बदमाश आए और उसको पीटा। इसके बाद बदमाश अनुज को बेहोश कर दिया करते थे।
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