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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) जो अपनी मांगों को लेकर पिछले 16 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है, उसने मंगलवार सुबह अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया। छात्र संघ के अनुसार, जेएनयू प्रशासन ने सोमवार को उनकी कई प्रमुख मांगों पर सहमति जताने और अन्य पर मौखिक आश्वासन दिया है। जिसके बाद भूख हड़ताल खत्म कर दी गई। जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा, ‘भूख हड़ताल करने वालों की बिगड़ती सेहत के कारण, हमने भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है। हालांकि, हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। विरोध का तरीका बदल गया है, लेकिन हमारी मांगों के लिए लड़ाई नए संकल्प के साथ जारी है।’
11 अगस्त को 16 छात्रों के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के साथ शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन अब खत्म हो गया, जिसमें केवल दो छात्र बचे – जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय और पार्षद नीतीश कुमार। बाकी के छात्रों को अपनी बिगड़ती हेल्थ की वजह से हड़ताल वापस लेनी पड़ी। सोमवार को एक बयान में, संघ ने कहा, ‘धनंजय का वजन 5 किलो से ज्यादा कम हो गया है और उसका कीटोन चौथे स्टेज पर है, जो भूख हड़ताल के कारण उसके गुर्दे पर गंभीर दबाव का संकेत देता है। उसे पीलिया और यूटीआई भी हो गया है। नीतीश का वजन लगभग 7 किलो कम हो गया और वह बहुत कमजोर हो गया है, उसे जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द है।’
बिरसा अंबेडकर फुले छात्र संघ (बापसा) से जुड़ी जेएनयूएसयू की महासचिव प्रियांशी आर्य ने खुद को विरोध से अलग करते हुए आरोप लगाया कि संघ के वामपंथी सदस्यों ने लामबंदी के बारे में उनकी सहमति को नजरअंदाज कर दिया। संघ ने दावा किया है कि जेएनयू प्रशासन ने अतिरिक्त धनराशि मिलने के बाद मेरिट-कम-मीन्स (एमसीएम) स्कॉलरशिप बढ़ाने को प्रतिबद्धता जताई है और स्कूल ऑफ एजुकेशन एवं मैनेजमेंट स्टडीज के छात्रों को ये स्कॉलरशिप दी जाएगी।
जेएनयू प्रशासन ने इसके लिए यूजीसी को एक पत्र भेजकर धनराशि बढ़ाने का अनुरोध किया है ताकि मेरिट कम मीन्स (एमसीएम) छात्रवृत्ति को बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह किया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 15 दिनों के अंदर छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों का कैटेगरी वाइस डेटा जारी करने और सितंबर की शुरुआत में अनुसूचित जाति और जेंडर सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम आयोजित करने का वादा किया है। जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करना संघ के मांग पत्र में एक सेंट्रल एजेंडा था। संघ ने कहा कि रेक्टर-I ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया है कि अगले एकेडमिक सेशन से जेएनयूईई के जरिए एडमिशन किए जाएंगे। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि अगले साल से जेएनयूईई को लागू करने पर कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
छात्रों के खिलाफ जांच बंद करने का आश्वासन
छात्र संगठन का कहना है कि जेएनयू प्रशासन ने नफे समिति की रिपोर्ट को आगामी अकादमिक काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत करने पर सहमति जताई है। प्रशासन ने उन छात्रों के खिलाफ शुरू की गई जांच को भी बंद करने पर सहमति व्यक्त की है, जो वीसी के निवास के बाहर पानी के विरोध प्रदर्शन में शामिल थे और एक यौन उत्पीड़न मामले में उत्तर गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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