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शाजापुर में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात घड़ी में 12 बजते ही मंदिरों में ‘आलकी के पालकी के जय कन्हैया लाल की.. ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयाल लाल… गूंजा उठा। ढोल-ढमाके बजने लगे। कृष्ण जन्म पर भक्त झूम उठे। कृष्ण भगवान का जन्म होते ही मंदिरों मे
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शाजापुर शहर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से भक्तिमय वातावरण में मनाया। सोमवार सुबह से मंदिरो में श्री कृष्ण भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी रहा। जो मंगलवार रात लगभग 2 बजे तक चलता रहा। कृष्ण मंदिरों में आकर्षण रूप से सजाया गया था । भगवान कृष्ण का आकर्षक श्रृंगार किया। झूले में बाल गोपाल जी को विराजमान किया। जिसे श्रद्धालु अपने से झूला दे रहे थे।
बालवीर चौराहे पर मंदिर के बाहर मटकी बांधी गई। मंदिर को सजाया गया। रात में यहां पर कृष्ण भगवान के भजन मंडली में दर्शन के लिए आने वाले भक्त कृष्ण भक्ति में थिरक रहे थे। 12 बजाते ही भगवान के जन्म का खुशियां मनाई। आरती कर प्रसादी वितरित की गई।
रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया। कृष्ण भगवान के जन्म के बाद मटकी फोड़ी गई। नन्हें मुन्ने बच्चे कृष्ण राधा का रूप धारण कर पहुंचे।
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