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दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) का बिगुल समय से पहले बज सकता है। राज्य चुनाव आयोग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी में फरवरी 2025 से पहले विधानसभा का गठन होना है। इसके चलते जनवरी के अंत और फरवरी में चुनाव की उम्मीद थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चुनाव नवंबर-दिसंबर में हो सकते हैं। इसके लिए वोटर लिस्ट के रिवीजन का काम अगले माह सितंबर में शुरू किया जाएगा।
2019 में दिल्ली विधानसभा चुनाव आठ फरवरी को हुए थे। इसके बाद 11 फरवरी को मतगणना हुई थी। इस बार यह चुनाव समय से पहले हो सकता है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पत्र ने इन कयासों को बढ़ा दिया है। पत्र में सभी विभाग प्रमुखों से मैनपावर की स्थिति मांगी गई है। यह जानकारी अधिकारियों के ग्रेड के हिसाब से मांगी गई है। इससे चुनाव ड्यूटी तय की जा सकेगी। विभागों से सात दिनों के अंदर यह जानकारी देनी है।
पार्टियों को भी हुआ अंदेशा : 10 वर्ष से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने समय से पहले चुनाव का अंदेशा देखते हुए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पदयात्रा कर रहे हैं। पार्टी ने बूथ मैपिंग भी शुरू कर दी है। उधर, भाजपा ने ‘आप’ के पांच पार्षदों को पार्टी में शामिल कर लिया है। इससे पहले एक मंत्री और एक विधायक भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं। इनमें राजकुमार आनंद और करतार सिंह शामिल हैं। भाजपा ने संगठन स्तर पर अपनी तैयारी तेज कर दी है। कमजोर सीटों पर दूसरे दलों के मजबूत नेताओं को चुनावी समर में उतारा जाएगा। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में अकेले लड़ने का फैसला लिया है और पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस 2 अक्टूबर से दिल्ली जोड़ो यात्रा निकालेगी। जिला कमेटियों की मासिक बैठकें शुरू की हैं और प्रत्याशियों के पैनल पर मंथन शुरू हो गया है।
वोटर लिस्ट का काम शुरू होगा
चुनाव आयोग राजधानी में समय से पहले वोटर लिस्ट के रिवीजन का काम शुरू करेगा। हर बार अक्टूबर में यह काम किया जाता है, लेकिन इस बार सितंबर में ही शुरू कर दिया जाएगा। वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद दिसंबर तक चुनाव कराए जा सकते हैं।
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