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जन्माष्टमी पर करौली के मदनमोहनजी के मंदिर में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए।
लघु वृंदावन के नाम से प्रसिद्ध करौली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्ण जन्म का उल्हास छाया रहा। इस दौरान श्रद्धालु कृष्ण जन्म की खुशियों और बधाइयों में सराबोर रहे। जिला मुख्य स्थित प्रसिद्ध और देश प्रमुख कृष्ण मंदिरों में शुमार मदन मोहनजी मंदिर में प
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जन्माष्टमी पर मदनमोहनजी के मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए।
शयन आरती उपरांत भगवान के जन्म की झांकी के दर्शन करने विभिन्न स्थानों से श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया, जिससे मंदिर परिसर खचाखच भर गया। मंदिर में श्रद्धालु ढोलक और मजारों की ताल पर भजन-कीर्तन करते रहे। रात 11.30 बजे से कृष्ण जन्मोत्सव शुरू हुआ। अभिषेक के बाद मध्यरात्रि में जैसे ही भगवान मदन मोहन के प्रतीकात्मक जन्म की झांकी के दर्शन के लिए पट खुले तो बंशीवारे के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। जन्म के बाद दर्शन खुलते ही झालर-घंटियों और आरती के स्वरों के साथ श्रद्धालु भगवान के जयकारे लगाने लगे। श्रद्धालु भगवान की एक झलक पाने को आतुर हो उठे। भगवान की महाआरती की गई। कान्हा के जन्म की खुशी में मदनमोहनजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से तोप चलाई गईं और खुशियां मनाई।
श्रद्धालुओं ने पंजरी-चरणामृत लेने के बाद उपवास खोला। इससे पहले दिन में अनेक श्रद्धालुओं ने मदनमोहनजी में 108 परिक्रमा लगाई। वहीं, अनेक श्रद्धालु कनक दण्डवत करते हुए मंदिर पहुंचे। इधर शहर के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी भगवान कृष्ण के जन्म की खुशियां छाई रही। गोविन्ददेवजी, नवलबिहारीजी, चैतन्य महाप्रभुजी, प्रताप शिरामणिजी, गौमती आश्रम, गोपीनाथजी सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे। इस मौके पर बाजार रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से दमकता नजर आया।
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