[ad_1]
पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन के चालीसवां की पूर्व संध्या पर रविवार को शिया वक्फ इमाम बारगाह हमदानी बास बदनपुरा जयपुर मे मजलिस का आयोजन हुआ। इस मजलिस को मोलना शमशाद रिज़वी ने संबोधित किया। मजलिस के बाद दहकते अंगारो पर मातम हुआ। इसके
.
करबला मे सन 61 हिजरी मे इमाम हुसैन की शहादत के बाद उन के परिवार को बंदी बनाया गया था और उनके परिवार को बंदी बनाकर शाम जो सीरिया के क़ैदख़ाना में रखा गया और यज़ीद नामक अतंकवादी द्वारा उन पर जुल्म किया गया। एक साल बाद जब इमाम हुसैन के परिवार को रिहा किया गया तब इमाम हुसैन के बेटे इमाम सज्जाद और उनकी बहन हज़रत ज़ेनब कर्बला वापस अपने भाई की कब्र पर आई थी और चेहेलुम (चालिसवां) मनाया था। यही वजह है आज शिया समुदाय पूरी दुनिया में चेहलूम मनाया जाता है। इसको अरबइन भी कहा जाता है। पुरी दुनिया से इमाम हुसैन के अकीदत रखने वाले इराक़ स्थित करबला जाते है और 3 दिन की पैदल यात्रा करते है।
[ad_2]
Source link