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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में 25 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 5 पर कुल 28 लाख रुपए का इनाम था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की गंगलूर और भैरमगढ़ क्षेत्रीय समितियों में सक्रिय इन 25 नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि दोनों महिलाएं शम्बती मडकम (23) और ज्योति पुनेम (27) तथा महेश तेलम माओवादियों की कंपनी नंबर-2 में सक्रिय थीं और प्रत्येक पर आठ लाख रुपये का इनाम था। मडकम 2012 से ही नक्सली आंदोलन में सक्रिय थी और 2020 में सुकमा में मिनपा हमले में कथित तौर पर शामिल थी जिसमें 17 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। वह 2021 में टेकलगुडेम (बीजापुर) हमले में भी शामिल थी जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा- पुनेम और तेलम इस साल मई में बीजापुर के पिडिया गांव में हुई मुठभेड़ में कथित तौर पर शामिल थे, जिसमें 12 नक्सली मारे गए थे। प्लाटून नंबर 16 ‘बी’ के सेक्शन डिप्टी कमांडर विष्णु करतम उर्फ मोनू (29) और मिरतुर एलओएस (स्थानीय संगठन दस्ता) पीएलजीए सदस्य जयदेव पोडियाम (18) पर क्रमश: तीन लाख और एक लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले दो अन्य लोगों गुड्डू काकेम (20) और सुदरू पुनेम (32) पर 10-10 हजार रुपये का इनाम था। इन नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा और गैरकानूनी आंदोलन के नेताओं द्वारा आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचारों से निराशा जताते हुए आत्मसमर्पण किया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हथियार डालने वालों में से प्रत्येक को 25 हजार रुपये की सहायता दी गई। सरकार की नीति के अनुसार, उनका पुनर्वास किया जाएगा। इस आत्मसमर्पण के साथ ही इस साल अब तक जिले में कुल 170 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसके अलावा, इसी अवधि में जिले में 346 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।
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