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रांची में रविवार को आयोजित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को फिर पांच वर्ष के लिए पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने बैठक में हरियाणा, जम्मू कश्मीर और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा की।
बात नहीं बनने पर 40 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
चिराग ने कहा कि पार्टी ने झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने का विकल्प खुला रखा है। चुनाव संबंधी जिम्मेदारी राज्य इकाई को सौंपी गई है। यह इकाई एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने या अकेले लड़ने पर निर्णय लेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी झारखंड में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन सीटों को लेकर तालमेल नहीं होने पर अकेले भी लड़ सकती है। अकेले चुनाव लड़ने पर 40 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकती है। चिराग ने यह भी कहा कि लोजपा गठबंधन के तहत चुनाव लड़े या अकेले, सरकार एनडीए की ही बनेगी।
जातीय जनगणना के पक्ष में चिराग
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच सामाजिक न्याय की है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की उनकी सोच है। पार्टी केंद्र सरकार के सभी निर्णयों के साथ है। चिराग पासवान ने कहा कि वे भी जातीय जनगणना के पक्षधर हैं। इससे पहले बैठक में लेटरल एंट्री, क्रीमीलेयर आदि विषयों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और उनके द्वारा लिए गए निर्णयों को लेकर आभार और धन्यवाद भी पारित किया गया।
चिराग ने कहा कि पार्टी की झारखंड इकाई ने प्रदेश की अधिकतर विधानसभा सीटों पर मेहनत की है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रधान के नेतृत्व में पार्टी मजबूत हुई है। लेकिन चुनाव लड़ने की बात अभी राष्ट्रीय कार्यकारिणी स्तर पर नहीं आयी है। अंतिम निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाएगा। इसके लिए पार्टी घोषणा पत्र भी तैयार कर रही है। राज्य में सरना कोड पर पार्टी अपनी सोच रखती है। वह आदिवासियों के साथ है। झारखंड का सर्वांगीण विकास हो, इसके लिए पार्टी हर स्तर से काम करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव एनडीए के साथ लड़ें या फिर अकेले लड़ें, लेकिन परिणाम के बाद पार्टी एनडीए घटक में ही रहेगी। वक्फ बोर्ड का मामला संसद में पेश हुआ। इसमें हर प्रदेश को अपनी बात करने का मौका मिले।
उन्होंने कहा कि राज्य के निवासियों में हेमंत सोरेन सरकार को लेकर आक्रोश है। यहां पर लोग बदलाव चाहते हैं। आनेवाले समय में एनडीए की सरकार ही बनेगी। उन्होंने जाति मतगणना के प्रति अपना रुख स्पष्ट किया। कहा कि केंद्र और राज्य की कई योजनाओं का लाभ कुछ को नहीं मिलता है। इस लिहाज से जाति जनगणना जरूरी है। इससे आबादी के हिसाब से जाति की संख्या को आधार बनाकर योजनाएं बनाई जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि वह ऐसे आंकड़े के खिलाफ हैं, जो भेदभाव को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। नारीशक्ति के प्रति दायित्वों को लेकर पार्टी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के लिए काम करते रहेंगे। उनका जन्म जब हुआ, उस समय झारखंड बिहार का हिस्सा था। इसलिए झारखंड से उनका लगाव ज्यादा है। यहां भी पलायन, बेरोजगारी आदि का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ पर केंद्र सरकार स्पष्ट रुख रखती है। सीएए नागरिकता को छीनने वाला कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस की सोच अलग है।
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