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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 2019 विधानसभा चुनावों के दौरान लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफा देने की मांग की।
सरमा ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार घुसपैठ रोकने सहित सभी मोर्चों पर विफल रही है। कहा कि चुनाव के दौरान युवाओं से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने पर हेमंत सोरेन के लिए इस्तीफा देने और राजनीति छोड़ने का समय आ गया है।
सरमा ने रांची में हाल ही में भाजयुमो की रैली के दौरान भाजपा नेताओं सहित लगभग 12000 अज्ञात लोगों के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज करने के लिए झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार की आलोचना की। कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें कीं और रबर की गोलियां चलाईं।
सरमा ने दावा किया कि स्वतंत्र भारत में यह अत्याचार अनसुना है। मैंने उल्फा से निपटा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं देखा। मैं डीजीपी को पद से हटाने के लिए चुनाव आयोग को लिखूंगा, क्योंकि ऐसे अधिकारी के रहते राज्य में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। कहा कि युवाओं को ब्लैकमेल करने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं डीजीपी को चुनौती देता हूं कि वे हमें 12000 लोगों के नाम बताएं, अन्यथा हम अदालत जाएंगे… यह लोकतंत्र है और हमें विरोध करने का अधिकार है।” बता दें कि झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
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