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भाजपा की हरियाणा यूनिट ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव टालने की मांग की है। इसे लेकर कांग्रेस समेत अन्य दल बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। इसे लेकर सवाल पूछे जाने पर भाजपा के सीनियर नेता अनिल विज ने कहा कि उनकी पार्टी कल ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा ने हाल ही में 2 दिनों तक मैराथन बैठक की। इस दौरान 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा की प्रत्येक सीट के लिए 3-4 संभावित उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे गए। देखिए कि हमारी पार्टी तैयारी में है।
अनिल विज ने कहा, ‘चुनाव को लेकर जो तारीखें घोषित की गई हैं, उसमें अगर एक छुट्टी ले लो तो 5 छुट्टियां हो जाती हैं। इससे ऐसा डर बना रहता है कि लोग बाहर चले जाते हैं और मत प्रतिशत नीचे गिर जाता है।’ उन्होंने कहा कि इस पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। मगर, हम केवल चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने की बात नहीं कर रहे हैं। आप चाहो तो इसे पीछे कर दो। 2-3 दिन पीछे कर दो ताकि पांच दिन का जंक न बने। उन्होंने सीना ठोंककर कहा कि हमारी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
भाजपा चुनाव का सामना करने से डर रही: कांग्रेस
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे लेकर दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव का सामना करने से डर रही है, क्योंकि उसे हार का आभास हो गया है। अभय चौटाला की पार्टी इनेलो ने भी चुनाव टालने की मांग की है। शनिवार को प्रदेश बीजेपी के एक नेता ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख मोहन लाल बड़ोली ने आयोग को पत्र भेजकर विधानसभा चुनाव टालने का आग्रह किया है। हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने पुष्टि की कि आयोग को शुक्रवार को ई-मेल के माध्यम से पत्र मिला है। भाजपा की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य वरिंदर गर्ग ने कहा, ‘हमने तर्क दिया है कि 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की तारीख से पहले सप्ताहांत पर छुट्टी है। उसके बाद कुछ छुट्टियां हैं, जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है।’
हरियाणा में 1 अक्टूबर को एक ही चरण में चुनाव
बता दें कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव 1 अक्टूबर को एक ही चरण में होंगे। चुनावी नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया मंचों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित विज्ञापनों का खर्च उम्मीदवारों या पार्टियों के खातों में जोड़ा जाएगा। यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप और एक्स पर कड़ी नजर रखने के लिए कई टीम बनाई गई हैं।’ अग्रवाल ने कहा कि आदर्श आचार संहिता सभी तरह की मीडिया पर समान रूप से लागू होती है, जिसमें समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया शामिल हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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