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सपा नेता अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बसपा अध्यक्ष मायावती ने उन्हें भ्रष्ट मुख्यमंत्री बताने वाले भाजपा विधायक पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने भाजपा विधायक को करारा जवाब देने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार भी जताया है। साथ ही कहा कि सपा प्रमुख ने हमारे ईमानदार होने की तस्दीक की है।
यहां बता दें कि मथुरा के मांट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने मायावती को यूपी का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री करार दिया था। बसपा सुप्रीमो ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि सपा मुखिया ने मथुरा के एक भाजपा विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बसपा प्रमुख के ईमानदार होने की सच्चाई को माना है, इसके लिए पार्टी उनकी आभारी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस विधायक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे। यदि वह दिमागी तौर पर बीमार है तो उसका इलाज भी जरूर कराए, वरना इसके पीछे भाजपा का कोई षडयंत्र है, यह कहना गलत नहीं होगा। यदि भाजपा अपने विधायक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उसकी जमानत जब्त कराकर और वर्तमान में होने वाले उपचुनावों में भी भाजपा को जरूर देंगे।
सपा-कांग्रेस स्वार्थवश करते हैं आरक्षण का समर्थन
वहीं, दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो ने आरक्षण पर सपा-कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि ये एससी-एसटी आरक्षण के समर्थन में अपने स्वार्थ व मजबूरी में बोलते हैं। दोनों दल आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी तक चुप्पी साधे हैं, जो इनकी आरक्षण विरोधी सोच को दर्शाता है। लिहाजा इनसे सजग रहना जरूरी है। सपा व कांग्रेस का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा एससी-एसटी विरोधी रहा है। भारत बंद को उनका सक्रिय समर्थन नहीं देना भी यह साबित करता है।
भाजपाइयों के मन में महिलाओं, वंचितों, शोषितों के प्रति कटुता भरी : अखिलेश
बसपा अध्यक्ष मायावती पर भाजपा विधायक द्वारा अभद्र टिप्पणी किए जाने की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक द्वारा पूर्व महिला मुख्यमंत्री के बारे में कहे गए अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं, खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आने वालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह होते हैं, लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी। ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है। बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा के विधायक के ऊपर सार्वजनिक रूप से दिए गए इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुकदमा होना चाहिए। भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए कि ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है, बल्कि पूरी भाजपा का है।
गेस्ट हाउस कांड याद है तो माफी मांग लें : केशव
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर उन्हें गेस्ट हाउस कांड याद है तो पहले उसके लिए माफी मांग लें। उन्होंने कहा कि मायावती यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और देश की वरिष्ठ नेता हैं। सैद्धांतिक तौर पर भाजपा सभी विपक्षी नेताओं का सम्मान करती है। सपा का इतिहास ओबीसी, एससी-एसटी समाज के धुर विरोधी होने का है।
अखिलेश की दलित वोटों पर नजर
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मायावती को भ्रष्ट बताए जाने पर आपत्ति किए जाने के राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि उपचुनाव में बसपा का आधार माने जाने वाले दलित (खासकर जाटव) मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने के लिए उन्होंने यह दांव चला है। सपा को उम्मीद है कि बसपा का उम्मीदवार कमजोर होगा तो दलित वोट सपा प्रत्याशी की ओर रुख कर सकता है।
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