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कीएव. रूस के साथ जंग में दो साल से अधिक जल रहे यूक्रेन में अब इस युद्ध को खत्म कराने के लिए भारत से उम्मीद जताई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जेलेंस्की अब नाटो से ऊब चुके प्रतीत होते हैं. इस ताकतवर सैन्य गठबंधन ने यूर्केन का पूरी तरह साथ देने और इस जंग में रूस को मजा चखाने का वादा किया था. हालांकि यह जंग 2 साल से अधिक समय से जारी है और इसके अंत का कोई ओर-छोर नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि बातचीत के जरिये शांति का प्रस्ताव लेकर यूक्रेन पहुंचे पीएम मोदी से अब जेलेंस्की ने जंग खत्म कराने की उम्मीद जताई है.
जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि भारत उनके देश और रूस के बीच जंग खत्म कराने में एक ‘अहम’ भूमिका निभा सकता है. जेलेंस्की ने कहा, ‘जब आप कुछ बातचीत शुरू करते हैं, तो आपको समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. इसलिए मुझे लगता है कि फिर से मुलाकात करना अच्छा रहेगा, और अगर हमारी बैठक भारत में होगी, तो मुझे खुशी होगी.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे काफी जरूरत है कि आपका देश हमारे पक्ष में रहे…’ जेलेंस्की ने इसके साथ ही कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी, पुतिन के मुकाबले शांति के ज्यादा समर्थक हैं. समस्या यह है कि पुतिन शांति नहीं चाहते.’
भारत आने को लेकर उत्सुक जेलेंस्की
पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत के बाद भारतीय मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा, ‘मोदी की यात्रा ऐतिहासिक है.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह भारत की यात्रा करने को लेकर उत्सुक हैं. दरअसल यूक्रेन की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेलेंस्की को भारत यात्रा का न्योता दिया, जिसके बाद उन्होंने यह टिप्पणी की. जेलेंस्की कहा, ‘मैंने आपके बड़े और महान देश के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है. यह बहुत दिलचस्प है.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए जब आपकी सरकार, प्रधानमंत्री (मोदी) मुझसे मिलना चाहेंगे, तब भारत आने पर मुझे खुशी होगी.’
भारत में पीस समिट चाहते हैं जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इसके साथ ही दूसरे यूक्रेन पीस समिट (शांति शिखर सम्मेलन) की मेजबानी के लिए भारत का नाम प्रस्तावित किया. इससे पहले जून में स्विट्जरलैंड में ल्यूसर्न के पास एक रिसॉर्ट में पहला समिट आयोजित किया गया था, जिसमें 90 से अधिक देशों और वैश्विक संस्थानों ने भाग लिया था, जिसका एकमात्र मकसद यूक्रेन में शांति लाना था.
ज़ेलेंस्की ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि शांति शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “जहां तक शांति शिखर सम्मेलन की बात है, तो मेरा वास्तव में मानना है कि दूसरा शांति शिखर सम्मेलन होना ही चाहिए. यह अच्छा होगा अगर यह ग्लोबल साउथ देशों में से किसी एक में आयोजित किया जा सके. मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि हम भारत में वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं. यह एक बड़ा देश है, यह एक महान लोकतंत्र है – सबसे बड़ा लोकतंत्र.’
बता दें कि पीएम मोदी की यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी. यह यात्रा, जुलाई में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के छह हफ्ते बाद हुई है. यूक्रेन राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने पहले जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध समाप्त करने के तरीके खोजने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि भारत फरवरी 2022 में युद्ध की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है.
Tags: PM Modi, Russia ukraine war, Ukraine war
FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 08:39 IST
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