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कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें ‘बुलडोजर न्याय’ की प्रवृत्ति की निंदा की गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने कहा कि यदि राज्य सरकार इस तरह की प्रथाओं को नहीं रोकती है तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। कांग्रेस का यह बयान छतरपुर जिले में एक हिंदू संत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कथित तौर पर शामिल आरोपी शहजाद अली के घर को ध्वस्त किए जाने के बाद आया है।
बता दें कि रामगिरी महाराज की कथित इस्लाम विरोधी टिप्पणी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की ओर से बुलाया गया विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें भीड़ ने पथराव किया था। इसमें कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। एक अधिकारी ने बताया कोतवाली थाने की सीमा के अंतर्गत शहजाद अली का घर गिरा दिया गया। हमने बुधवार को हुई हिंसा के लिए 150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हमने 46 लोगों को नामजद किया था।
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रशासन को सेवा नियमों का पालन करना चाहिए। यदि पुलिस न्यायाधीशों और अदालतों का काम करेगी, तो कानून कैसे बचेगा? छतरपुर की घटना राजनीतिक या सामाजिक नहीं है। यह अन्याय है। मुख्य मुद्दा संविधान की रक्षा करना है। पटवारी ने दावा किया कि भिंड, मुरैना, सागर और ग्वालियर में पहले भी कई घर गिराए जा चुके हैं। बुलडोजर से घर गिराने की यह क्या प्रवृत्ति है? अगर मध्य प्रदेश सरकार हमारी बात नहीं सुनती है, तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
पटवारी ने कहा कि कांग्रेस ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ संवैधानिक कार्रवाई का कभी विरोध नहीं किया, लेकिन शांति की बात करके आतंक पैदा करना अच्छी परंपरा नहीं है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन संविधान और अदालतों का उल्लंघन करके नहीं। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर कहा- बुलडोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह बंद होना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में सख्त तेवर अपनाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से बड़ा नहीं है। राज्य सरकार कानून तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ संविधान के तहत कार्रवाई कर रही है। विधिवत मंजूरी लेकर निर्माण कार्य कराए जाने चाहिए। यदि आप कोई निर्माण करते हो और इसकी विधिवत मंजूरी नहीं लेते हो… यदि आप विविध प्रकार से आतंक के पर्याय बनते हो, तो प्रशासन को अपना काम करने की छूट भी है। प्रशासन को जो करना है, वह करेगा।
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