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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नक्सलियों से लड़ाई आखिरी चरण में है और यदि वे अपना रास्ता नहीं बदलते हैं तो अंतिम प्रहार होगा और हम देश को मार्च 2026 तक नक्सल समस्या से मुक्त कर लेंगे। यह बात उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नक्सल प्रभावित राज्यों की अंतरराज्यीय समीक्षा बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ रूथलेस (निर्मम) रणनीति के साथ अंतिम प्रहार करने का वक्त आ गया है। हमारा मानना है कि वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले चालीस सालों में करीब 17 हजार लोगों की जान गई है। जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया। ‘
शाह ने कहा, ‘जिनके हाथ में हथियार है उनके हाथ से हथियार छुड़ाना और जो नहीं छोड़ रहे हैं उन्हें इंगेज करने की दिशा में काम किया गया। इसके साथ ही वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र का विकास करना भी हमारी प्राथमिकता रही है। कई उपलब्धियां रही हैं। साल 2022 में चार दशकों में मृत्यु का प्रतिशत सबसे कम रहा। टॉप 14 नक्सली लीडर्स को मार गिराया गया। हमने दो उद्देश्यों को लेकर काम किया। पहला नक्सल क्षेत्रों में कानून का शासन स्थापित करना और दूसरा इन इलाकों को विकसित करना।’
केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा, ‘बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और कुछ हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हुआ है। वर्ष 2004 से 2014 तक 16 हजार घटनाएं हुई थीं और 2014 के बाद से अब तक करीब सात हजार घटनाएं हुई हैं। करीब 53 प्रतिशत की कमी आई है।
शाह ने आगे कहा, ‘वामपंथी उग्रवाद की वजह से लोग निरक्षर रह गए हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तर्ज पर SIA बनाएंगे। राज्य सरकार जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करेगी।
नक्सलियों ने शांति वार्ता पर उन्होंने ने अपील करते हुए कहा कि नक्सली सरेंडर करें, हथियार छोड़े हम उनकी चिंता करेंगे। शाह ने कहा, ‘मैं नक्सलियों से हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील करता हूं।’
समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ और उसके पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और केन्द्र तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। शाह ने कहा कि शनिवार को हुई बैठक में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में कल्याण और विकास की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में प्रगति और अवसंरचना विकास के कार्यों की समीक्षा भी की गई।
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