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नई दिल्ली/कोलकाता, एजेंसी। महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय और छह अन्य का पॉलीग्राफ टेस्ट शनिवार को शुरू हो गया। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है। इससे यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
अधिकारियों ने बताया, मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट उस जेल में ही किया जा रहा है, जहां वह बंद है। सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों और एक स्वयंसेवक का पॉलीग्राफ टेस्ट सीबीआई के कोलकाता स्थित कार्यालय में किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया, संदीप घोष लगातार नौवें दिन शनिवार सुबह सीबीआई के साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय पहुंचे और फिर उन्हें जांच के लिए ले जाया गया।
दो प्रशिक्षु डॉक्टर भी शामिल
एक अधिकारी ने बताया, जिन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हो रहा है, उनमें प्रथम वर्ष के दो प्रशिक्षु डॉक्टर भी शामिल हैं। जांचकर्ताओं को अस्पताल के उस कक्ष के अंदर कथित तौर पर उनकी उंगलियों के निशान मिले हैं, जहां पीड़िता का शव मिला था।
दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ
अधिकारियों ने बताया, दिल्ली के केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से पॉलीग्राफ विशेषज्ञों का एक दल कोलकाता पहुंचा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ मामलों में पॉलीग्राफ टेस्ट लंबा खिंच सकता है और इस प्रक्रिया में कुछ दिन भी लग सकते हैं।
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