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जैसलमेर। लक्ष्मीनारायण भाटिया और उनकी पत्नी रेखा भाटिया।
जैसलमेर का नाम सामने आते ही रेगिस्तान का नजारा आंखों के सामने आ जाता है। जैसलमेर यानी एक ऐसा इलाका जहां रेगिस्तान है पानी कम। इसी जगह एक ऐसे बुजुर्ग भी हैं जो केवल बारिश के पानी का ही इस्तेमाल करते हैं। बारिश का पानी पीने के इस्तेमाल के साथ-साथ खाना
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शहर के सिंघवी पाड़ा में रहने वाले 64 साल के लक्ष्मी नारायण भाटिया इस उम्र में भी तीन मंजिला मकान में बिना लिफ्ट के चढ़ते उतरते हैं। वे बताते हैं कि बारिश के पानी ने उनकी जिंदगी बदल दी है। इस पानी से उनके पेट में बीमारी की समस्या का तो हल हुआ ही साथ ही इस उम्र में भी उनके घुटने बिल्कुल भी दर्द नहीं करते हैं। उनका मानना है कि ये सब कमाल बारिश के पानी के पीने से है। अब उनके साथ उनकी पत्नी भी यही पानी का उपयोग करने लगी है।
पानी के हौद पर पाइप लगाकर बनाया बारिश के पानी को स्टोर करने का सिस्टम।
नहर में गंदगी देख पानी से हुआ मोह भंग
लक्ष्मीनारायण भाटिया (64) ने बताया- वे चेन्नई में लंबे समय से बिजनेस करते थे। साल 2019 में जब कोरोना के समय उनकी मां के पैर में फ्रैक्चर हुआ तब वे जैसलमेर आ गए। यहां पर वे जब इंदिरा गांधी नहर को देखने गए तब वहां पानी में पशुओं की लाशें, गंदगी आदि देखकर उनका मोह ये पानी पीने से ही भंग हो गया। उन्होंने उस दौरान मिनरल वाटर खरीदकर पीना शुरू किया।
बहन ने पिलाया बारिश का पानी
भाटिया ने बताया कि उनकी मौसेरी बहन प्रेमलता बारिश का पानी इकट्ठा करके उसको पीने में इस्तेमाल करती थी। प्रेम लता ने उनको बारिश का पानी पीने की सलाह दी। लक्ष्मी नारायण भाटिया ने जब बारिश का पानी पीकर देखा तो उनको काफी अलग और मीठा लगा। दो दिन जब उन्होंने लगातार बारिश का पानी पीया तो उनके पेट में दर्द की समस्या थी जो ठीक हो गई। बस तब उन्होंने इस पानी को जीवन में लाने का सपना देखा और घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने का आइडिया आया।
घर की छत पर विपरीत दिशा में लगाए टीन के छप्पर।
2 लाख का खर्च कर बनाया सिस्टम
साल 2019 में अपने तीन मंजिला मकान में उन्होंने करीब 2 लाख रुपए का खर्च कर बारिश के पानी को घर में बने पानी के हौद में इकट्ठा करने का सिस्टम लगाया। भाटिया ने बताया कि छत पर लोहे के छप्पर लगाए और विपरीत दिशा में ढाल बनाई ताकि बारिश का पानी घर से बाहर नहीं गिरकर सीधा पाइप से पानी के हौद में गिरे। इसके लिए पाइप, छप्पर, और कई सिस्टम लगाए गए। लोगों ने उस दौरान उनका मज़ाक भी बनाया। मगर उन्होंने किसी की नहीं सुनी और सिस्टम को लगाया।
12 हजार लीटर पानी का स्टोरेज
बारिश के पानी को स्टोर करने के लिए घर के अंदर 12 हजार लीटर पानी का हौद बनाया गया। इस हौद में केवल बारिश का पानी ही स्टोर होता है। छत से आने वाले पानी में गंदगी आने के दौरान दो पाइप को आपस में जॉइंट किया गया है ताकि पहले उस पानी को सीधा बाहर छोड़ दिया जाता है। उसके बाद बारिश के दौरान जब साफ पानी बहना शुरू होता है तब पहले पाइप को बंद किया जाता है। जिससे बारिश का पानी दूसरे पाइप के माध्यम से सीधा पानी के हौद में चला जाता है। इस तरह पानी का स्टोर होता है।
5 साल से कर रहे स्टोर
भाटिया ने बताया कि वे 5 साल से बारिश का पानी स्टोर कर रहे हैं। हालांकि इन दिनों बारिश भी बढ़िया होने के कारण पानी की कमी नहीं है। वैसे भी इस पानी को इस्तेमाल वे और उनकी पत्नी ही करते हैं। इसलिए ये पानी उनके लिए साल भर काम आता है। कोई पड़ोसी आदि पानी मांगकर भी ले जाते हैं। भाटिया का कहना है कि पानी में वे फिटकरी और जामुन की लकड़ी डालते हैं ताकि मिट्टी आदि हो तो वे तल में बैठ जाए।
छत का पानी हौद में इसी पाइप के सहारे जाता है।
घुटनों में दर्द नहीं, पेट का दर्द भी सही हो गया
लक्ष्मी नारायण भाटिया ने बताया कि वे 5 साल से केवल बारिश का पानी ही पी रहे हैं। इस पानी से उनके पेट में दर्द कि शिकायत थी। उनको कब्ज की भी समस्या थी। जो अब सही हो गई है। इसके साथ ही इस उम्र में जब घुटनों का दर्द सबके लिए आजकल आम बात है, लेकिन उनको घुटनों के दर्द की कोई समस्या नहीं है। वे आज भी अपने तीन मंजिला मकान में कई बार सीढ़ियां उतरते हैं और चढ़ते हैं। उनको लगता है कि बारिश के पानी के इस्तेमाल से ही उनका शरीर स्वस्थ है।
पानी के हौद में जमा बारिश का साफ पानी।
बारिश के पानी के फायदे
जवाहिर हॉस्पिटल के फिजीशियन डॉ आरआर पंवार ने बताया- बारिश का पानी एक शुद्ध जल स्रोत है। नल के पानी में अक्सर क्लोरीन जैसे रसायन होते हैं, जो हानिकारक हो सकते हैं, लेकिन बारिश का पानी प्राकृतिक रूप से शुद्ध होता है, जो इंसानों और यहां तक कि पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसको स्टोर करके इसमें फिटकरी आदि डालने के बाद ये शुद्ध हो जाता है। इसलिए कह सकते हैं कि ये हड्डियों को नुकसान नहीं पहुंचाता। साथ ही शुद्ध पानी होने से पेट संबंधी कब्जी आदि को दूर करने में सहायता कर सकता है।
बारिश के पानी में सभी मिनरल उपलब्ध होते हैं
भूजल वैज्ञानिक डॉ ND इनखिया ने बताया- इंसान को जो भी पानी में आवश्यक मिनरल चाहिए वो सब बारिश के पानी में संतुलित मात्रा में उपलब्ध होते हैं। वो बैलेंस तरीके से इंसान के शरीर मे काम करता है जिससे इंसान निरोगी रहता है और शरीर में किसी भी प्रकार के गंभीर रोग से दूर ही रहता है।
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