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झारखंड में पिछले कुछ दिनों से सियासी उठापटक चल रहा ही। अचानक से चंपाई सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से नाता तोड़ने के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। जहां पार्टी ने उनपर अबतक कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है। वहीं कांग्रेस नेता और हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री बन्ना गुप्ता ने उन्हें कुर्सी का लोभी और सरकार में रहते हुए भितरघात करने वाला बताया। हालांकि अब चंपाई सोरेन ने साफ कर दिया है कि एक हफ्ते में सबके सामने साफ तस्वीर आ जाएगी।
झामुमो तोड़ने की नंशा नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि भले ही उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ, पर झामुमो को तोड़ने की मंशा नहीं रखते हैं। उनके किसी नेता, विधायक या मंत्री को भी नहीं तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई हमारे सफर में साथ चलना चाहता है तो स्वागत करेंगे। अगले एक सप्ताह में अपने निर्णय को जनता के सामने रख नये अध्याय की शुरुआत कर देंगे। शुक्रवार को गम्हरिया पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री का कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। उनके स्वागत के लिए महिलाएं भी पहुंची थीं।
टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं ने साथ देने का भरोसा दिया। दादा तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं नारों से हौसला बढ़ाया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने उनके साथ राय मशविरा भी किया। अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि जिस तरह से जनता का उन्हें समर्थन मिल रहा है, इसे भुला पाना मुश्किल है।
पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है, जल्द पूर्ण विराम
चंपाई ने कहा कि पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है, जल्द ही पूर्ण विराम लगेगा। नये साथी की तलाश चल रही है। साथ ही नए संगठन को लेकर भी विचार-विमर्श चल रहा है। एक हफ्ते के भीतर सबकुछ साफ हो जाएगा। साफ कहा कि अपने पुराने संगठन को नहीं तोड़ेंगे। उनके किसी नेता, विधायक या मंत्री को अपने साथ नहीं लेंगे।
राजनीति से नहीं लूंगा सन्यास
चंपाई सोरेन ने कहा कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। अगर आदिवासियों और दलितों के हित की बात करने वाला कोई साथी मिलेगा, तो उनके साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि जब मैं कुछ भी नहीं था, तब भी यहां के मजदूरों के हक में आवाज बुलंद करता था। उनकी लड़ाई लड़ता था। सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जिलिंगगोड़ा में उत्क्रमित फुटबॉल ग्राउंड में भारी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोलकाता से लौटने के बाद उनकी बहुत से लोगों से बातचीत हुई। इसके बाद यह फैसला लिया है कि वह अलग पार्टी बनाएंगे।
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