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शहर की एक होटल का रेस्त्रां और वहां परोसा जा रहा खालिस गुजराती खाना। बात हो रही है ‘द पार्क’ में शुरू हुए फूड फेस्टिवल ‘चलो जमवा’ की जिसका मतलब है चलो जीमने। यहां गुजरात के मशहूर शेफ भूपत महाराज अपने हाथों से कई गुजराती डिशेस गर्मा गर्म खिलाने आए हैं
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भूपत महाराज वही शेफ हैं जिन्होंने हाल ही में अंबनी परिवार की शाही शादी में देश-विदेश के मेहमानों को गुजराती डिशेस का दीवाना बनाया था। बताते हैं हमारी सारी डिशेस वेजिटेरियन हैं। सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है ‘पनीर लिफाफा’। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस डिश को देखने पर लगता है जैसे एक लिफाफे में पनीर फिल किया गया है। भूपत महाराज के हाथों से तैयार किए गए गुप्त मसाले ही उनके व्यंजनों का राज हैं। जमवा की ‘पनीर लिफाफा’ जैसी डिश इन मसालों के कारण ही इतनी लोकप्रिय है।
कई आयटम्स है खास
इसके अलावा पारंपरिक पसंदीदा पनकी, हांडवो, सतपड़ी की रोटी, थाली पीठ, दामनी ढोकला, घुघरा, बाजरा उत्तपम, लिलवा कचोरी, फैसी ढोकली, वतन साग, तुरिया पटका, गट्टा का साग जैसे कई स्वादिष्ट आयटम्स यहां परोसे जा रहे हैं। इसके लिए मसाले और आटा भी हम गुजरात से ही लाए हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए हैं कई स्वादिष्ट डिशेस होटल के शेफ संतोष यादव ने बताया कि यह फेस्ट होटल के रेस्त्रां एपिसेंटर में 1 सितंबर तक डिनर में शाम 7.30 से 11.30 खुला रहेगा। गुजराती डिशेस के अलावा बाकी मैन्यू में वेज और नॉनवेज की कई अन्य लाजवाब डिशेस भी हैं। यहां बच्चों से लेकर बुजुगों तक की पसंद का ख्याल रखते हुए स्पेशल मैन्यू तैयार किया गया है।
होटल के सुदीप कांजीलाल ने कहा कि हम हमेशा अपने मेहमानों के लिए विविध पाक अनुभव लाने के नए तरीके खोजते रहते हैं, और ‘चलो जमवा’ इस प्रतिबद्धता का एक आदर्श उदाहरण है। यह आयोजन सिर्फ खाने-पीने तक सीमित नहीं है; यह स्वादों के माध्यम से कहानियाँ बयाँ करने का एक प्रयास है, जहाँ हर एक व्यंजन गुजरात के इतिहास और संस्कृति की झलक पेश करता है। हम मानते हैं कि ‘चलो जमवा’ हमारे मेहमानों के लिए एक यादगार अनुभव होगा। हम सभी को इस फ़ूड फेस्टिवल में शामिल होने का निमंत्रण देते हैं।”
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