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झारखंड के भूमि घोटाला मामले का पैसा आतंकवादियों की फंडिंग में भी इस्तेमाल होने के आरोप लगने के बाद ईडी ने इस मामले में भी जांच शुरू कर दी है। इस बात की जानकारी शुक्रवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी। ईडी ने इस मामले में एक दिन पहले दिल्ली पुलिस की विशेष सेल की कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए बबलू खान नामक व्यक्ति को 26 अगस्त को रांची में अपने क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को अलकायदा के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था और तीन अन्य को हिरासत में लिया था। पुलिस ने एक बयान में कहा था कि इस मॉड्यूल का नेतृत्व रांची का डॉ. इश्तियाक नामक व्यक्ति कर रहा था, जो भारत में ‘खिलाफत’ घोषित करने और देश के भीतर गंभीर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की मंशा रखता था।
सूत्रों ने बताया कि सबूतों और कागजातों के विश्लेषण से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला कि बबलू खान ना केवल झारखंड भूमि घोटाले मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों अफसर अली (रांची के रिम्स का कर्मचारी) और तल्हा खान का रिश्तेदार है, बल्कि रांची के बरियातू इलाके में स्थित एक नर्सिंग होम के माध्यम से उसका डॉ इश्तियाक से भी संबंध था, जिसे दिल्ली पुलिस ने आतंकी मामले में गिरफ्तार किया है।
भूमि घोटाला मामले में ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में बताया गया है कि अफसर अली इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड में से एक था। एजेंसी ने दावा किया था कि वह अवैध तरीके से भूमि अधिग्रहण और निपटान के लिए कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कार्यालय से रांची और उसके उपनगरों में स्थित संपत्तियों के कई फर्जी दस्तावेज तैयार करने में शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि बबलू खान को पूछताछ के लिए बुलाया गया है और जांच अधिकारी द्वारा भूमि घोटाला मामले में 26 अगस्त को गवाही के दौरान उसका बयान दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ईडी झारखंड और पड़ोसी राज्यों में आतंकवाद के वित्तपोषण और भूमि घोटाले के गठजोड़ की जांच के लिए एक नया मामला दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस की नई एफआईआर (15 जुलाई को दर्ज) का भी संज्ञान ले सकती है।
झारखंड का भूमि घोटाला ईडी द्वारा जांचे जा रहे एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों से संबंधित हैं। ईडी ने कहा था, झारखंड में भूमि माफियाओं का एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता और रांची में विरासत के रिकॉर्ड में जालसाजी करता था और बाद में जाली भूमि रिकॉर्ड के आधार पर ऐसे भूमि पार्सल अन्य व्यक्तियों को बेच दिए जाते थे। इस धोखाधड़ी के तहत गरीबों और दलितों की जमीनें हड़पी गईं। इन कथित भूमि जालसाजी मामलों में मुख्य आरोपी झारखंड राजस्व विभाग के पूर्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद हैं। इस मामले में ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद से वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इन भूमि घोटाला मामलों में एक मामला झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी जुड़ा है, जिसमें ईडी ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। हालांकि वे जमानत पर बाहर हैं।
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