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अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (AQIS) के लिए झारखंड मॉड्यूल के सरगना के रूप में काम कर रहे डॉ इश्तियाक अहमद को रांची स्थित भगवान महावीर मेडिका अस्पताल प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है। इस बारे में क्रिटिकल केयर के हेड डॉ विजय कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि उसके खिलाफ एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही प्रबंधन ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
मिश्रा ने बताया कि इश्तियाक बीते कई वर्षों से इस अस्पताल से जुड़ा था। वह मेडिका अस्पताल में पिछले कई वर्षों से बतौर रेडियोडायग्नोसिस कंसल्टेंट काम कर रहा था। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद डॉ इश्तियाक के राज एक-एक करके सामने आ रहे हैं।
इससे एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था और तीन लोगों को हिरासत में लेकर अलकायदा के एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। खुफिया जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने इन राज्यों की ATS पुलिस के साथ मिलकर एक अभियान चलाकर यह सफलता हासिल की थी।
छापेमारी के दौरान राजस्थान के भिवाड़ी से छह लोगों को हथियारों का प्रशिक्षण लेते समय गिरफ्तार किया गया। इन लोगों की पहचान हसन अंसारी, इनामुल अंसारी, अल्ताफ अंसारी, अरशद खान, उमर फारूक और शाहबाज अंसारी के रूप में हुई थी और वे सभी झारखंड के मूल निवासी थे। ये लोग पिछले कुछ दिन से राजस्थान में रह रहे थे।
इस दौरान झारखंड के रांची से भी पांच लोग गिरफ्तार किए गए, जिनकी पहचान डॉ. इश्तियाक अहमद, मोतिउर, रिजवान, मुफ्ती रहमतुल्लाह और फैजान के रूप में हुई। इस बारे में दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘मॉड्यूल का नेतृत्व रांची (झारखंड) का डॉ. इश्तियाक नामक व्यक्ति कर रहा था तथा उसकी देश के भीतर ‘खिलाफत’ की घोषणा करने और बड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की मंशा थी।’
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राजस्थान की अरावली पहाड़ियों के जंगल समेत विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी मॉड्यूल के सदस्यों को हथियारों सहित कई तरह का प्रशिक्षण दिया गया था। उन्होंने कहा कि संदिग्धों को पकड़ने के लिए इन पहाड़ियों के जंगल में सघन अभियान चलाया गया।
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